समझने वाले कितने हैं उससे मतलब नहीं,
मतलब उससे है समझने की कोशिश कितनों ने की।
न पाने से किसी के है न कुछ खोने से मतलब है,
ये दुनिया है इसे तो कुछ न कुछ होने से मतलब है।
किसी के साथ रहना है तो ख़ुशी से रहो,
मज़बूरी से साथ रहने का कोई मतलब नहीं।
कीमती हैं सिक्के, ईमान सस्ता है,
यहां रिश्तों का मतलब ही, मतलब का रिश्ता है।
इस मतलब की दुनिया मे,
कौन किसी का होता है,
वहीं दोस्त धोखा देते है,
जिनपर भरोसा ज़्यादा होता है।
अपनी नियत पर जरा गौर करके बताना,
मोहब्बत कितनी थी, और मतलब कितने थे।
कदर करलो उनकी जो तुमसे,
बिना मतलब की चाहत करते है,
दुनिया में ख्याल रखने वाले कम,
और तकलीफ देने वाले ज्यादा होते है।
शायद सच कहते हैं लोग,
औरत का दिमाग नहीं होता,
तभी तो वो हर रिश्ता दिल से निभाते हैं,
बिना किसी मतलब के।
मतलब का भार, काफी ज्यादा होता है,
तभी तो मतलबी निकलते है, तो रिश्ते हल्के हो जाते हैं।
अपने मतलब के लिये लोग, कितना बदल जाते हैं,
वे अपनों को पीछे धकेल कर, आगे निकल जाते हैं,
कोई मरता भी हो तो उनकी बला से,
वो तो लाशों पर पाँव रखकर, आगे निकल जाते हैं।
अपने मतलब के लिये लोग, अक्सर बदल जाते हैं,
वे अपनो को पीछे छोड़ कर, आगे निकल जाते हैं,
कोई मरता भी हो तो उनकी बला से,
वो तो मरे पर कदम रखकर, आगे बढ़ जाते हैं।
पहले लोग दिलसे बात करते थे,
लेकिन अब मूड और मतलब से बात करते है।
कौन किसको दिल में जगह देता हैं,
सूखे पत्तो तो पेड़ भी गिरा देता हैं,
वाकिफ है हम दुनिया के रिवाजो से,
मतलब निकल जाए तो हर कोई भूल जाता हैं।
दुनिया की सबसे अच्छी फीलिंग्स तब होती है।
जब दुसरो के लिए हम बिना मतलब जीते है।
चलो माना उन तक पहुंचती नहीं तपिश हमारी,
मतलब ये तो नहीं के सुलगते नहीं हैं हम।
सब मतलब की यारी है,
यही दुनिया की सबसे बड़ी बीमारी है।
प्यार का मतलब तो नहीं मालूम मुझे,
मगर जब जब तुझे देखूँ दिल धड़कने लगता है।
ज़िन्दगी का मतलब उसने सिखाया,
ज़िन्दगी से जुदा जो कर गया हमे।
वफादारी का असली मतलब उन लोगों से पूछो,
जो किसीको सालों से एकतरफा प्यार करते है।
मेरी मासुमीयत पर हंसते हैं, मतलब निकालने वाले,
खुद को बहुत समझदार समझते हैं, ये शहर में रहने वाले।