अपने मतलब के लिये लोग, कितना बदल जाते हैं,
वे अपनों को पीछे धकेल कर, आगे निकल जाते हैं,
कोई मरता भी हो तो उनकी बला से,
वो तो लाशों पर पाँव रखकर, आगे निकल जाते हैं।
वक्त नहीं है किसी के पास,
जब तक न हो कोई मतलब खास।
किसी की बातें बेमतलब सी,
किसी की ख़ामोशियाँ क़हर हैं।
वफादारी का असली मतलब उन लोगों से पूछो,
जो किसीको सालों से एकतरफा प्यार करते है।
कुछ गैर ऐसे मिले जो मुझे अपना बना गए,
कुछ अपने ऐसे निकले जो गैर का मतलब बता गए।
इस मतलब की दुनिया मे,
कौन किसी का होता है,
वहीं दोस्त धोखा देते है,
जिनपर भरोसा ज़्यादा होता है।
मुझे रिश्तों की लम्बी कतारों से मतलब नही दोस्तों,
कोई दिल से हो मेरा तो बस इक शख्स ही काफी है।
किसे हमदर्द कहें अपना जमाने में,
सबने अपने मतलब का नकाब ओढ रखा है।
निकल गया मतलब या और कोई काम लोगे,
बदनाम तो हो ही गये हैं और कितना नाम लोगे।
उन बेहिसाब बातों के कुछ मतलब न निकले,
जितना सिर्फ एक ख़ामोशी ने कह दिया।
अपने मतलब के लिये लोग, कितना बदल जाते हैं,
वे अपनों को पीछे धकेल कर, आगे निकल जाते हैं,
कोई मरता भी हो तो उनकी बला से,
वो तो लाशों पर पाँव रखकर, आगे निकल जाते हैं।