कौन किसको दिल में जगह देता हैं,
सूखे पत्तो तो पेड़ भी गिरा देता हैं,
वाकिफ है हम दुनिया के रिवाजो से,
मतलब निकल जाए तो हर कोई भूल जाता हैं।
तमन्ना जो आये ख्वाबो में,
हकिकत बन जाए तो क्या बात है,
कुछ लोग मतलब के लिए ढुढते हैं मुझे,
बिन मतलब कोई आये तो क्या बात है।
वफादारी का असली मतलब उन लोगों से पूछो,
जो किसीको सालों से एकतरफा प्यार करते है।
वक्त नहीं है किसी के पास,
जब तक न हो कोई मतलब खास।
इस दौर ए जमाने ने मौज और मतलब को दे दिया प्यार का नाम,
दफन हो कर रह गयी किताबो मे सच्चे प्यार कि दास्तान।
अपने मतलब के लिये लोग, कितना बदल जाते हैं,
वे अपनों को पीछे धकेल कर, आगे निकल जाते हैं,
कोई मरता भी हो तो उनकी बला से,
वो तो लाशों पर पाँव रखकर, आगे निकल जाते हैं।
समझने वाले कितने हैं उससे मतलब नहीं,
मतलब उससे है समझने की कोशिश कितनों ने की।
कदर करलो उनकी जो तुमसे,
बिना मतलब की चाहत करते है,
दुनिया में ख्याल रखने वाले कम,
और तकलीफ देने वाले ज्यादा होते है।
सभी एक जैसा ही लिखते हैं,
बस मतलब बदल जाते हैं,
सरकारे वैसे ही चलती हैं,
बस वजीर-ए-आजम बदल जाते हैं।
मतलब से कितने ही रिश्ते बनाने की कोशिश करो,
वो रिश्ता कभी नहीं बनता ,
और प्यार से बने रिश्ते को तोड़ने की कितनी भी,
कोशिश करो वो रिश्ता कभी नहीं टुटता।