जिंदगी में खुद को कभी किसी इंसान के आदि मत बनाना,
क्योंकि इंसान केवल अपने मतलब से ही प्यार करता है।
अपने मतलब के लिये लोग, कितना बदल जाते हैं,
वे अपनों को पीछे धकेल कर, आगे निकल जाते हैं,
कोई मरता भी हो तो उनकी बला से,
वो तो लाशों पर पाँव रखकर, आगे निकल जाते हैं।
अपने मतलब के लिये लोग, अक्सर बदल जाते हैं,
वे अपनो को पीछे छोड़ कर, आगे निकल जाते हैं,
कोई मरता भी हो तो उनकी बला से,
वो तो मरे पर कदम रखकर, आगे बढ़ जाते हैं।
अपनी नियत पर जरा गौर करके बताना,
मोहब्बत कितनी थी, और मतलब कितने थे।
ज़िन्दगी का मतलब उसने सिखाया,
ज़िन्दगी से जुदा जो कर गया हमे।
जरूरत और मतलब के हिसाब से सब बदल जाता है,
अब देखो न इंसान उड़ने के लिये पंख चाहता है,
और परिदें रहने को घर।
सब मतलब की बात समझते हैं,
काश कोई बात का मतलब समझता।
बेमतलब की जिंदगी का सिलसिला ख़त्म,
अब जिस तरह की दुनिया उस तरह के हम।
कभी मतलब के लिए, तो कभी बस दिल्लगी के लिए,
हर कोई इश्क ढूढ रहा है, यहाँ ज़िन्दगी के लिए।
शायद सच कहते हैं लोग,
औरत का दिमाग नहीं होता,
तभी तो वो हर रिश्ता दिल से निभाते हैं,
बिना किसी मतलब के।