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Home Life Status in Hindi & English Sad Life Status Images in Hindi - सैड लाइफ स्टेटस इन हिंदी

ऐ मौत तेरे लिए क्या बचेगा

ऐ मौत तेरे लिए क्या बचेगाऐ मौत तेरे लिए क्या बचेगा,
हमें तो जिंदगी ही दफना रही है।

थक गई मेरी जिन्दगी भी लोगो के जवाब देतेथक गई मेरी जिन्दगी भी लोगो के जवाब देते,
अब कही मेरी मौत लोगो का सवाल न बन जाए।

फुरसत अगर मिले तो मुझे पढ़ना जरूरफुरसत अगर मिले तो मुझे पढ़ना जरूर,
नाकाम ज़िंदगी की मुकम्मल किताब हूँ मैं।

कभी मेरे साथ चल के कभी मुझ को साथ लेकरकभी मेरे साथ चल के, कभी मुझ को साथ लेकर,
वो बदल गए अचानक, मेरी ज़िन्दगी बदल के।

ज़िन्दगी कब की खामोश हो गयीज़िन्दगी कब की खामोश हो गयी,
दिल तो बस आदतन धड़कता है।

कभी खोले तो कभी ज़ुल्फ़ को बिखराए हैकभी खोले तो कभी ज़ुल्फ़ को बिखराए है,
ज़िंदगी शाम है और शाम ढली जाए है।

कभी ख़िरद कभी दीवानगी ने लूट लियाकभी ख़िरद कभी दीवानगी ने लूट लिया,
तरह तरह से हमें ज़िंदगी ने लूट लिया।

जिंदगी के रथ में लगाम बहुत हैजिंदगी के रथ में लगाम बहुत है,
अपनों के अपनों पर इल्जाम बहुत है।

रोज़ दिल में हसरतों को जलता देख करोज़ दिल में हसरतों को जलता देख कर,
थक चुका हूँ ज़िंदगी का ये रवैया देख कर।

मौत से कैसा डर मिनटों का खेल हैमौत से कैसा डर, मिनटों का खेल है,
आफत तो जिंदगी है बरसों चला करती है।

यूँ तो हादसों में गुजरी है हमारी ज़िन्दगीयूँ तो हादसों में गुजरी है हमारी ज़िन्दगी,
हादसा ये भी कम नहीं कि हमें मौत न मिली।

जिंदगी की उलझनो को सुलझा रहा हूं मैंजिंदगी की उलझनो को सुलझा रहा हूं मैं,
देख तेरी याद को रफ्ता रफ्ता भुला रहा हूं मै।

ऐ मौत तेरे लिए क्या बचेगाऐ मौत तेरे लिए क्या बचेगा,
हमें तो जिंदगी ही दफना रही है।

कुछ इस तरह से गुज़ारी है ज़िन्दगी जैसेकुछ इस तरह से गुज़ारी है ज़िन्दगी जैसे,
तमाम उम्र किसी दूसरे के घर में रहा।

मुस्कुराकर हर जख्म सहने की आदत क्या हो गईमुस्कुराकर हर जख्म सहने की आदत क्या हो गई,
जिंदगी तो हर सितम मुझ पर ही आजमाने लगी है।

गुरुर क्या ही करें ए रब अपनी जिंदगी पेगुरुर क्या ही करें ए रब, अपनी जिंदगी पे,
जो पाया है यहां पे, वो जूठन है किसी की।

ज़िन्दगी का फलसफा भी कितना अजीब हैज़िन्दगी का फलसफा भी कितना अजीब है,
शामें कटती नहीं, और साल गुज़रते चले जा रहे है।

कम से कम मौत से ऐसी मुझे उम्मीद नहींकम से कम मौत से ऐसी मुझे उम्मीद नहीं,
ज़िंदगी तू ने तो धोखे पे धोखा दिया है।

ग़ैरों से पूछती है तरीका निज़ात काग़ैरों से पूछती है तरीका निज़ात का,
अपनों की साजिशों से परेशान ज़िंदगी।

तेरी ही जुस्तजू में जी लिया इक ज़िन्दगी मैंनेतेरी ही जुस्तजू में जी लिया इक ज़िन्दगी मैंने,
गले मुझको लगाकर खत्म साँसों का सफ़र कर दे।

इक टूटी सी ज़िंदगी को समेटने की चाहत थीइक टूटी सी ज़िंदगी को समेटने की चाहत थी,
न खबर थी उन टुकड़ों को ही बिखेर बैठेंगे हम।


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