तमन्ना जो आये ख्वाबो में,
हकिकत बन जाए तो क्या बात है,
कुछ लोग मतलब के लिए ढुढते हैं मुझे,
बिन मतलब कोई आये तो क्या बात है।
कोई कहता हैं दुनिया प्यार से चलती है,
कोई कहता हैं दुनिया दोस्ती से चलती है,
लेकिन जब अजमाया तो पता,
दुनिया तो बस मतलब से चलती है।
सभी एक जैसा ही लिखते हैं,
बस मतलब बदल जाते हैं,
सरकारे वैसे ही चलती हैं,
बस वजीर-ए-आजम बदल जाते हैं।
मतलब से कितने ही रिश्ते बनाने की कोशिश करो,
वो रिश्ता कभी नहीं बनता ,
और प्यार से बने रिश्ते को तोड़ने की कितनी भी,
कोशिश करो वो रिश्ता कभी नहीं टुटता।
जरूरत और मतलब के हिसाब से सब बदल जाता है,
अब देखो न इंसान उड़ने के लिये पंख चाहता है,
और परिदें रहने को घर।