जरा सी बात से मतलब बदल जाते हैं,
आपकी तरफ उंगली उठे तो बेइज्जती,
और अंगूठा उठे तो तारीफ।
शायद सच कहते हैं लोग,
औरत का दिमाग नहीं होता,
तभी तो वो हर रिश्ता दिल से निभाते हैं,
बिना किसी मतलब के।
स्वयं की कमियों को बताता कोई नहीं,
अपने मतलब के बगैर हाथ मिलाता कोई नहीं,
प्यार से सभी करते हैं आपसे,
मगर किसी का साथ निभाता कोई नहीं।
कदर करलो उनकी जो तुमसे,
बिना मतलब की चाहत करते है,
दुनिया में ख्याल रखने वाले कम,
और तकलीफ देने वाले ज्यादा होते है।