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Home Life Status in Hindi & English Sad Life Status Images in Hindi - सैड लाइफ स्टेटस इन हिंदी

क्या लिखूँ अपनी जिंदगी के बारे में

क्या लिखूँ अपनी जिंदगी के बारे मेंक्या लिखूँ अपनी जिंदगी के बारे में,
वो लोग ही बिछड़ गए, जो जिंदगी हुआ करते थे।

लेकर आयी है किस मक़ाम पे ये ज़िंदगी मुझेलेकर आयी है किस मक़ाम पे ये ज़िंदगी मुझे,
महसूस हो रही है ख़ुद अपनी कमी मुझे।

अपने वजूद पर इतना न इतरा ऐ ज़िन्दगीअपने वजूद पर इतना न इतरा, ऐ ज़िन्दगी.
वो तो मौत है जो तुझे मोहलत दिए जा रही है।

चाहे जिधर से भी देखिए बदशक्ल ही लगूंगाचाहे जिधर से भी देखिए बदशक्ल ही लगूंगा,
मैं जिंदगी के जख्मों का ताजा निशान हूं।

कुछ आग आरज़ू की उम्मीद का धुआँ कुछकुछ आग आरज़ू की उम्मीद का धुआँ कुछ,
हाँ राख ही तो ठहरा अंजाम जिंदगी का।

बहुत सा पानी छुपाया है मैंने अपनी पलकों में​बहुत सा पानी छुपाया है मैंने अपनी पलकों में​,
जिंदगी लम्बी बहुत है क्या पता कब प्यास लग जाए​।

मौत से कैसा डर मिनटों का खेल हैमौत से कैसा डर, मिनटों का खेल है,
आफत तो जिंदगी है बरसों चला करती है।

फुरसत अगर मिले तो मुझे पढ़ना जरूरफुरसत अगर मिले तो मुझे पढ़ना जरूर,
नाकाम ज़िंदगी की मुकम्मल किताब हूँ मैं।

सुलगती ज़िन्दगी से मौत आ जाये तो बेहतर हैसुलगती ज़िन्दगी से मौत आ जाये तो बेहतर है,
हम से दिल के अरमानो का अब मातम नहीं होता।

ज़िन्दगी जिसको तेरा प्यार मिला वो जानेज़िन्दगी जिसको तेरा प्यार मिला वो जाने,
हम तो नाकाम ही रहे चाहने वालों की तरह।

छोड़ ये बात कि मिले ज़ख़्म कहाँ से मुझकोछोड़ ये बात कि मिले ज़ख़्म कहाँ से मुझको,
ज़िंदगी इतना बता कितना सफर बाकी है।

मुस्कुराकर हर जख्म सहने की आदत क्या हो गईमुस्कुराकर हर जख्म सहने की आदत क्या हो गई,
जिंदगी तो हर सितम मुझ पर ही आजमाने लगी है।

कभी ख़िरद कभी दीवानगी ने लूट लियाकभी ख़िरद कभी दीवानगी ने लूट लिया,
तरह तरह से हमें ज़िंदगी ने लूट लिया।

ज़िन्दगी कब की खामोश हो गयीज़िन्दगी कब की खामोश हो गयी,
दिल तो बस आदतन धड़कता है।

क्या बेचकर हम खरीदें फुर्सत ऐ जिंदगीक्या बेचकर हम खरीदें फुर्सत, ऐ जिंदगी,
सब कुछ तो गिरवी पड़ा है जिम्मेदारी के बाजार में।

तेरी ही जुस्तजू में जी लिया इक ज़िन्दगी मैंनेतेरी ही जुस्तजू में जी लिया इक ज़िन्दगी मैंने,
गले मुझको लगाकर खत्म साँसों का सफ़र कर दे।

हर एक चेहरे को ज़ख़्मों का आईना न कहोहर एक चेहरे को ज़ख़्मों का आईना न कहो,
ये ज़िन्दगी तो है रहमत इसे सज़ा न कहो।

ज़िन्दगी का फलसफा भी कितना अजीब हैज़िन्दगी का फलसफा भी कितना अजीब है,
शामें कटती नहीं, और साल गुज़रते चले जा रहे है।

नफरत सी होने लगी है इस सफ़र से अबनफरत सी होने लगी है इस सफ़र से अब,
ज़िंदगी कहीं तो पहुँचा दे खत्म होने से पहले।

जिंदगी के रथ में लगाम बहुत हैजिंदगी के रथ में लगाम बहुत है,
अपनों के अपनों पर इल्जाम बहुत है।

मेरे बेजुबा इश्क को गम का तोहफा दे गईमेरे बेजुबा इश्क को गम का तोहफा दे गई,
जिंदगी बन कर आई थी और मौत दे गई।


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