समझने वाले कितने हैं उससे मतलब नहीं,
मतलब उससे है समझने की कोशिश कितनों ने की।
उसको मतलब से मतलब था,
मुझे उससे मिलने से मतलब था।
वक्त नहीं है किसी के पास,
जब तक न हो कोई मतलब खास।
कोई कहता हैं दुनिया प्यार से चलती है,
कोई कहता हैं दुनिया दोस्ती से चलती है,
लेकिन जब अजमाया तो पता,
दुनिया तो बस मतलब से चलती है।
जब मतलब हो जाते हैं न पुरे,
तब रिश्तें रह जाते है अधूरे।
अपनी नियत पर जरा गौर करके बताना,
मोहब्बत कितनी थी, और मतलब कितने थे।
कौन किसको दिल में जगह देता हैं,
सूखे पत्तो तो पेड़ भी गिरा देता हैं,
वाकिफ है हम दुनिया के रिवाजो से,
मतलब निकल जाए तो हर कोई भूल जाता हैं।
किसी की बातें बेमतलब सी,
किसी की ख़ामोशियाँ क़हर हैं।
अपने मतलब के लिये लोग, अक्सर बदल जाते हैं,
वे अपनो को पीछे छोड़ कर, आगे निकल जाते हैं,
कोई मरता भी हो तो उनकी बला से,
वो तो मरे पर कदम रखकर, आगे बढ़ जाते हैं।
सब मतलब की बात समझते हैं,
काश कोई बात का मतलब समझता।