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Sad Life Status Images in Hindi - सैड लाइफ स्टेटस इन हिंदी

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कम से कम मौत से ऐसी मुझे उम्मीद नहींकम से कम मौत से ऐसी मुझे उम्मीद नहीं,
ज़िंदगी तू ने तो धोखे पे धोखा दिया है।

थक गई मेरी जिन्दगी भी लोगो के जवाब देतेथक गई मेरी जिन्दगी भी लोगो के जवाब देते,
अब कही मेरी मौत लोगो का सवाल न बन जाए।

ऐ मौत तेरे लिए क्या बचेगाऐ मौत तेरे लिए क्या बचेगा,
हमें तो जिंदगी ही दफना रही है।

तेरी ही जुस्तजू में जी लिया इक ज़िन्दगी मैंनेतेरी ही जुस्तजू में जी लिया इक ज़िन्दगी मैंने,
गले मुझको लगाकर खत्म साँसों का सफ़र कर दे।

यूँ तो हादसों में गुजरी है हमारी ज़िन्दगीयूँ तो हादसों में गुजरी है हमारी ज़िन्दगी,
हादसा ये भी कम नहीं कि हमें मौत न मिली।

ज़िन्दगी बैठी थी अपने हुस्न पे फूली हुईज़िन्दगी बैठी थी अपने हुस्न पे फूली हुई,
मौत ने आते ही सारा रंग फीका कर दिया।

मौत ने चुपके से न जाने क्या कहामौत ने चुपके से न जाने क्या कहा,
और ज़िन्दगी खामोश हो कर रह गयी।

साँसों के सिलसिले को न दो ज़िन्दगी का नामसाँसों के सिलसिले को न दो ज़िन्दगी का नाम,
जीने के बावजूद भी मर जाते हैं कुछ लोग।

जिन्दगी कशमकश-ए-इश्क के आगाज का नामजिन्दगी कशमकश-ए-इश्क के आगाज का नाम,
मौत अंजाम इसी दर्द के अफसाने का।

मौत से कैसा डर मिनटों का खेल हैमौत से कैसा डर, मिनटों का खेल है,
आफत तो जिंदगी है बरसों चला करती है।

क्या बेचकर हम खरीदें फुर्सत ऐ जिंदगीक्या बेचकर हम खरीदें फुर्सत, ऐ जिंदगी,
सब कुछ तो गिरवी पड़ा है जिम्मेदारी के बाजार में।

ज़िन्दगी जिसको तेरा प्यार मिला वो जानेज़िन्दगी जिसको तेरा प्यार मिला वो जाने,
हम तो नाकाम ही रहे चाहने वालों की तरह।

मुस्कुराकर हर जख्म सहने की आदत क्या हो गईमुस्कुराकर हर जख्म सहने की आदत क्या हो गई,
जिंदगी तो हर सितम मुझ पर ही आजमाने लगी है।

ज़िन्दगी का फलसफा भी कितना अजीब हैज़िन्दगी का फलसफा भी कितना अजीब है,
शामें कटती नहीं, और साल गुज़रते चले जा रहे है।

गुरुर क्या ही करें ए रब अपनी जिंदगी पेगुरुर क्या ही करें ए रब, अपनी जिंदगी पे,
जो पाया है यहां पे, वो जूठन है किसी की।

जिंदगी से तो क्या शिकायत हो मौत ने भी भुला दिया है हमेंजिंदगी से तो क्या शिकायत हो,
मौत ने भी भुला दिया है हमें।

चाहे जिधर से भी देखिए बदशक्ल ही लगूंगाचाहे जिधर से भी देखिए बदशक्ल ही लगूंगा,
मैं जिंदगी के जख्मों का ताजा निशान हूं।

कुछ आग आरज़ू की उम्मीद का धुआँ कुछकुछ आग आरज़ू की उम्मीद का धुआँ कुछ,
हाँ राख ही तो ठहरा अंजाम जिंदगी का।

कितना मुश्किल है ज़िंदगी का ये सफ़रकितना मुश्किल है ज़िंदगी का ये सफ़र,
खुदा ने मरना हराम किया, लोगों ने जीना।

अपने वजूद पर इतना न इतरा ऐ ज़िन्दगीअपने वजूद पर इतना न इतरा, ऐ ज़िन्दगी.
वो तो मौत है जो तुझे मोहलत दिए जा रही है।

रोज़ दिल में हसरतों को जलता देख करोज़ दिल में हसरतों को जलता देख कर,
थक चुका हूँ ज़िंदगी का ये रवैया देख कर।

छोड़ ये बात कि मिले ज़ख़्म कहाँ से मुझकोछोड़ ये बात कि मिले ज़ख़्म कहाँ से मुझको,
ज़िंदगी इतना बता कितना सफर बाकी है।

ज्यादा ख़्वाहिशें नहीं ऐ ज़िंदगी तुझसेज्यादा ख़्वाहिशें नहीं ऐ ज़िंदगी तुझसे,
बस अगला कदम पिछले से बेहतरीन हो।

ऐ ज़िंदगी तोड़ कर हमको ऐसे बिखेरो इस बारऐ ज़िंदगी, तोड़ कर हमको ऐसे बिखेरो इस बार,
न फिर से टूट पायें हम, और न फिर से जुड़ पाए तू।

कुछ ऐसे हादसे भी होते है ज़िंदगी में ऐ दोस्तकुछ ऐसे हादसे भी होते है ज़िंदगी में ऐ दोस्त,
इंसान बच तो जाता है मगर ज़िंदा नहीं रहता।

नजरिया बदल के देख हर तरफ नजराने मिलेंगेनजरिया बदल के देख, हर तरफ नजराने मिलेंगे,
ऐ ज़िंदगी यहाँ तेरी तकलीफों के भी दीवाने मिलेंगे।

नफरत सी होने लगी है इस सफ़र से अबनफरत सी होने लगी है इस सफ़र से अब,
ज़िंदगी कहीं तो पहुँचा दे खत्म होने से पहले।

कभी ख़िरद कभी दीवानगी ने लूट लियाकभी ख़िरद कभी दीवानगी ने लूट लिया,
तरह तरह से हमें ज़िंदगी ने लूट लिया।

लेकर आयी है किस मक़ाम पे ये ज़िंदगी मुझेलेकर आयी है किस मक़ाम पे ये ज़िंदगी मुझे,
महसूस हो रही है ख़ुद अपनी कमी मुझे।

कभी मेरे साथ चल के कभी मुझ को साथ लेकरकभी मेरे साथ चल के, कभी मुझ को साथ लेकर,
वो बदल गए अचानक, मेरी ज़िन्दगी बदल के।

जिन्दगी तेरी भी अजब परिभाषा हैजिन्दगी तेरी भी, अजब परिभाषा है,
सँवर गई तो जन्नत, नहीं तो सिर्फ तमाशा है।

कुछ इस तरह से गुज़ारी है ज़िन्दगी जैसेकुछ इस तरह से गुज़ारी है ज़िन्दगी जैसे,
तमाम उम्र किसी दूसरे के घर में रहा।

हर एक चेहरे को ज़ख़्मों का आईना न कहोहर एक चेहरे को ज़ख़्मों का आईना न कहो,
ये ज़िन्दगी तो है रहमत इसे सज़ा न कहो।

फुरसत अगर मिले तो मुझे पढ़ना जरूरफुरसत अगर मिले तो मुझे पढ़ना जरूर,
नाकाम ज़िंदगी की मुकम्मल किताब हूँ मैं।

बहुत सा पानी छुपाया है मैंने अपनी पलकों में​बहुत सा पानी छुपाया है मैंने अपनी पलकों में​,
जिंदगी लम्बी बहुत है क्या पता कब प्यास लग जाए​।

सुलगती ज़िन्दगी से मौत आ जाये तो बेहतर हैसुलगती ज़िन्दगी से मौत आ जाये तो बेहतर है,
हम से दिल के अरमानो का अब मातम नहीं होता।

क्या लिखूँ अपनी जिंदगी के बारे मेंक्या लिखूँ अपनी जिंदगी के बारे में,
वो लोग ही बिछड़ गए, जो जिंदगी हुआ करते थे।

जिंदगी के रथ में लगाम बहुत हैजिंदगी के रथ में लगाम बहुत है,
अपनों के अपनों पर इल्जाम बहुत है।

मुझ से नाराज़ है तो छोड़ दे तन्हा मुझकोमुझ से नाराज़ है तो छोड़ दे तन्हा मुझको,
ऐ ज़िंदगी, मुझे रोज-रोज तमाशा न बनाया कर।

अब समझ लेता हूँ मीठे लफ़्ज़ों की कड़वाहटअब समझ लेता हूँ मीठे लफ़्ज़ों की कड़वाहट,
हो गया है ज़िंदगी का तजुर्बा थोड़ा थोड़ा।

जिंदगी की उलझनो को सुलझा रहा हूं मैंजिंदगी की उलझनो को सुलझा रहा हूं मैं,
देख तेरी याद को रफ्ता रफ्ता भुला रहा हूं मै।

कभी खोले तो कभी ज़ुल्फ़ को बिखराए हैकभी खोले तो कभी ज़ुल्फ़ को बिखराए है,
ज़िंदगी शाम है और शाम ढली जाए है।

ज़िन्दगी कब की खामोश हो गयीज़िन्दगी कब की खामोश हो गयी,
दिल तो बस आदतन धड़कता है।

इक टूटी सी ज़िंदगी को समेटने की चाहत थीइक टूटी सी ज़िंदगी को समेटने की चाहत थी,
न खबर थी उन टुकड़ों को ही बिखेर बैठेंगे हम।

मेरे बेजुबा इश्क को गम का तोहफा दे गईमेरे बेजुबा इश्क को गम का तोहफा दे गई,
जिंदगी बन कर आई थी और मौत दे गई।

समझ जाता हूँ मीठे लफ़्ज़ों में छुपे फरेब कोसमझ जाता हूँ मीठे लफ़्ज़ों में छुपे फरेब को,
ज़िन्दगी तुझे समझने लगा हूँ आहिस्ता आहिस्ता।

ग़ैरों से पूछती है तरीका निज़ात काग़ैरों से पूछती है तरीका निज़ात का,
अपनों की साजिशों से परेशान ज़िंदगी।

इतनी बदसलूकी ना कर ऐ ज़िंदगीइतनी बदसलूकी ना कर, ऐ ज़िंदगी,
हम कौन सा यहाँ बार बार आने वाले है।

रुलाया ना कर हर बात पर ऐ जिन्दगीरुलाया ना कर हर बात पर ऐ जिन्दगी,
जरुरी नहीं सबकी किस्मत में चुप कराने वाले हों।

यूँ तो ए ज़िन्दगी तेरे सफर से शिकायते बहुत थीयूँ तो ए ज़िन्दगी तेरे सफर से शिकायते बहुत थी,
मगर दर्द जब दर्ज कराने पहुँचे तो कतारे बहुत थी।




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