अब आ भी जा फिर ये तन्हाई मिले ना मिले,
तुमसे मिलने की उमंग है, पर डर है जुदाई,
जरा बता दे प्यार का मतलब क्या है,
तू कहे, जब मतलब है तो प्यार कहाँ है।
शायद सच कहते हैं लोग,
औरत का दिमाग नहीं होता,
तभी तो वो हर रिश्ता दिल से निभाते हैं,
बिना किसी मतलब के।
मतलब से कितने ही रिश्ते बनाने की कोशिश करो,
वो रिश्ता कभी नहीं बनता ,
और प्यार से बने रिश्ते को तोड़ने की कितनी भी,
कोशिश करो वो रिश्ता कभी नहीं टुटता।
जरूरत और मतलब के हिसाब से सब बदल जाता है,
अब देखो न इंसान उड़ने के लिये पंख चाहता है,
और परिदें रहने को घर।