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Home Zindagi Shayari in Hindi & English Dard Bhari Zindagi Sad Shayari in Hindi - दर्द भरी जिंदगी सैड शायरी इन हिंदी

अब तो अपनी तबियत भी जुदा लगती है

अब तो अपनी तबियत भी जुदा लगती हैअब तो अपनी तबियत भी जुदा लगती है,
सांस लेता हूँ तो ज़ख्मों को हवा लगती है,
कभी राजी तो कभी मुझसे खफा लगती है,
जिंदगी तू ही बता तू मेरी क्या लगती है।

लो आज हमने छोड़ दिया रिश्ता ए उमीदलो आज हमने छोड़ दिया रिश्ता ए उमीद,
लो अब कभी किसी से गिला ना करेगे हम,
पर जिंदगी मे मिल गये इत्तेफ़ाक से
पुछेगे अपना हाल तेरी बेबसी से हम।

कर दिया मैंने भी जिंदगी को ऐसे बर्बादकर दिया मैंने भी जिंदगी को ऐसे बर्बाद,
जैसे जिंदगी ने मुझे बर्बाद किया था।

वो हर बार अगर चेहरा बदल कर न आया होतावो हर बार अगर चेहरा बदल कर न आया होता,
धोखा मैंने उस शख्स से यूँ न खाया होता,
रहता अगर याद कर मुझे लौट के आती नहीं,
ज़िन्दगी फिर मैंने तुझे यूं न गंवाया होता।

रोज़ दिल में हसरतों को जलता देखकररोज़ दिल में हसरतों को जलता देखकर,
थक चुका हूँ ज़िन्दगी का ये रवैया देखकर।

कैसे बदलते है लोग चंद कागज़ के टुकड़ो ने बता दियाकैसे बदलते है लोग,
चंद कागज़ के टुकड़ो ने बता दिया,
अपने परायों की पहचान को आसान बना दिया,
शुक्रिया ऐ ज़िन्दगी जीने का हुनर सिखा दिया।

हजारों ख़ुशियाँ कम है एक गम भुलाने के लिएहजारों ख़ुशियाँ कम है,
एक गम भुलाने के लिए,
एक गम ही काफी है,
जिंदगी भर रुलाने के लिए।

ज़रूरी तो नहीं के शायरी वो ही करे जो इश्क में होज़रूरी तो नहीं के शायरी वो ही करे जो इश्क में हो,
ज़िन्दगी भी कुछ ज़ख्म बेमिसाल दिया करती है।

तंग आ चुके है कश्मकश ए ज़िंदगी से हमतंग आ चुके है कश्मकश ए ज़िंदगी से हम,
ठुकरा न दें जहाँ को कहीं बे दिली से हम,
लो आज हमने छोड़ दिया रिश्ता ए उमीद,
लो अब कभी किसी से गिला ना करेगे हम।

उजड़े हुए ज़माने की याद दिला कर मुझे उदास न कर ऐ ज़िन्दगीउजड़े हुए ज़माने की याद दिला कर,
मुझे उदास न कर ऐ ज़िन्दगी,
अब नईं मंज़िलों का पता बता,
जो गुजर गया सो गुजर गया।

कैसे बदलते है लोग चंद कागज़ के टुकड़ो ने बता दिया अपने परायों की पहचान को आसान बना दियाकैसे बदलते है लोग,
चंद कागज़ के टुकड़ो ने बता दिया,
अपने परायों की पहचान को आसान बना दिया,
शुक्रिया ऐ ज़िन्दगी जीने का हुनर सिखा दिया।

कुछ आग आरज़ू की उम्मीद का धुआँ कुछकुछ आग आरज़ू की, उम्मीद का धुआँ कुछ,
हाँ राख ही तो ठहरा अंजाम ज़िन्दगी का।

कदम कदम पे नया इम्तिहान रखती हैकदम कदम पे नया इम्तिहान रखती है,
ज़िन्दगी तू भी मेरा कितना ध्यान रखती है।

ज़िन्दगी लोग जिसे मरहम-ए-ग़म जानते हैज़िन्दगी लोग जिसे मरहम-ए-ग़म जानते है,
जिस तरह हम ने गुज़ारी है वो हम जानते है।

आँखों को अश्क का पता न चलताआँखों को अश्क का पता न चलता,
दिल को दर्द का एहसास न होता,
कितना हसीन होता जिंदगी का सफ़र,
अगर मिलकर कभी बिछड़ना न होता।

दुखो के बोझ में ज़िन्दगी कुछ इस तरह डूबे जा रही हैदुखो के बोझ में ज़िन्दगी कुछ इस तरह डूबे जा रही है,
की मेरी हर एक चाहत, हर एक आस टूटे जा रही है।

उम्र छोटी है तो क्या  ज़िंदगी का हर एक मंज़र देखा हैउम्र छोटी है तो क्या,
ज़िंदगी का हर एक मंज़र देखा है,
फरेबी मुस्कुराहटें देखी है,
बगल में खंजर भी देखा है।

छोड़ ये बात कि मिले ज़ख़्म कहाँ से मुझकोछोड़ ये बात कि मिले ज़ख़्म कहाँ से मुझको,
ज़िंदगी इतना बता कितना सफर बाकी है।

जब भी सुलझाना चाहा ज़िंदगी के सवालों को मैंनेजब भी सुलझाना चाहा,
ज़िंदगी के सवालों को मैंने,
हर एक सवाल में जिंदगी
मेरी उलझती चली गई।

अब तो अपनी तबियत भी जुदा लगती हैअब तो अपनी तबियत भी जुदा लगती है,
सांस लेता हूँ तो ज़ख्मों को हवा लगती है,
कभी राजी तो कभी मुझसे खफा लगती है,
जिंदगी तू ही बता तू मेरी क्या लगती है।

नफरत सी होने लगी है इस सफ़र से अबनफरत सी होने लगी है इस सफ़र से अब,
ज़िंदगी कहीं तो पहुँचा दे खत्म होने से पहले।


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