जब भी सुलझाना चाहा,
ज़िंदगी के सवालों को मैंने,
हर एक सवाल में जिंदगी
मेरी उलझती चली गई।
तंग आ चुके है कश्मकश ए ज़िंदगी से हम,
ठुकरा न दें जहाँ को कहीं बे दिली से हम,
लो आज हमने छोड़ दिया रिश्ता ए उमीद,
लो अब कभी किसी से गिला ना करेगे हम।
ज़िन्दगी कभी आसान नही होती,
इसे आसान करना पड़ता है,
कुछ नजर अंदाज करके कुछ को बर्दास्त करके।
शायद यही ज़िंदगी का इम्तिहान होता है,
हर एक शख्स किसी का गुलाम होता है,
कोई ढूंढता है ज़िंदगी भर मंज़िलों को,
कोई पाकर मंज़िलों को भी बेमुकाम होता है।
आँखों को अश्क का पता न चलता,
दिल को दर्द का एहसास न होता,
कितना हसीन होता जिंदगी का सफ़र,
अगर मिलकर कभी बिछड़ना न होता।
कैसे बदलते है लोग,
चंद कागज़ के टुकड़ो ने बता दिया,
अपने परायों की पहचान को आसान बना दिया,
शुक्रिया ऐ ज़िन्दगी जीने का हुनर सिखा दिया।
कैसे बदलते है लोग,
चंद कागज़ के टुकड़ो ने बता दिया,
अपने परायों की पहचान को आसान बना दिया,
शुक्रिया ऐ ज़िन्दगी जीने का हुनर सिखा दिया।
ज़िन्दगी एक फूल है तो मोहब्बत उसकी खुशबू,
प्यार एक दरिया है तो महबूब उसका साहिल,
अगर ज़िन्दगी एक दर्द है तो दोस्त उसकी दवा।
उम्र छोटी है तो क्या,
ज़िंदगी का हर एक मंज़र देखा है,
फरेबी मुस्कुराहटें देखी है,
बगल में खंजर भी देखा है।
हजारों ख़ुशियाँ कम है,
एक गम भुलाने के लिए,
एक गम ही काफी है,
जिंदगी भर रुलाने के लिए।