दुनिया में सैकड़ों दर्दमंद मिलते है,
पर काम के लोग चंद मिलते है,
जब मुसीबत का वक़्त आता है,
सब के दरवाजे बंद मिलते है।
तंग आ चुके हैं कशमकश ए ज़िंदगी से हम,
ठुकरा न दें जहाँ को कहीं बे दिली से हम,
लो आज हमने छोड़ दिया रिश्ता ए उमीद,
लो अब कभी किसी से गिला ना करेगे हम।
ख़्वाबों से मुझको और न बहला सकेगी,
रहने दे ज़िन्दगी, तेरा जादू उतर गया।
यूं तो जिंदगी में आवाज़ देने वाले,
ढेरों मिल जाते है,
लेकिन हम ठहरते वहीं है,
जहाँ अपनेपन का एहसास होता है।
वो जिसकी याद मे हमने
खर्च दी जिन्दगी अपनी,
वो शख्श आज मुझको
गरीब कह के चला गया।
बहुत सा पानी छुपाया है मैंने अपनी पलकों में,
जिंदगी लम्बी बहुत है क्या पता कब प्यास लग जाए।
वो हर बार अगर चेहरा बदल कर न आया होता,
तो धोखा उस शख्स से मैं यूँ न खाया होता,
रहता अगर याद कर मुझे लौट के आती नहीं,
ज़िन्दगी फिर मैंने तुझे यूं न गंवाया होता।
कभी आंसू तो कभी ख़ुशी देखी,
हमने अक्सर मजबूरी और बेकसी देखी,
उनकी नाराज़गी को हम क्या समझे,
हमने तो खुद अपनी तकदीर की बेबसी देखी।
अब तो अपनी तबियत भी जुदा लगती है
सांस लेता हूँ तो ज़ख्मों को हवा लगती है
कभी राजी तो कभी मुझसे खफा लगती है
जिंदगी तू ही बता तू मेरी क्या लगती है।
जिंदगी से अपना हर दर्द छुपा लेना,
ख़ुशी ना मिले तो ग़म गले लगा लेना,
कोई अगर कहे मोहब्बत आसान होती है,
तो उसे मेरा टूटा हुआ दिल दिखा देना।