मतलब की इस दुनियां में प्यार बस एक झांसा है,
धोखा तुम्हे भी मिलेगा दोस्त ये मेरा दावा हैं।
इस दौर ए जमाने ने मौज और मतलब को दे दिया प्यार का नाम,
दफन हो कर रह गयी किताबो मे सच्चे प्यार कि दास्तान।
अपने मतलब के लिये लोग, कितना बदल जाते हैं,
वे अपनों को पीछे धकेल कर, आगे निकल जाते हैं,
कोई मरता भी हो तो उनकी बला से,
वो तो लाशों पर पाँव रखकर, आगे निकल जाते हैं।
कभी मतलब के लिए, तो कभी बस दिल्लगी के लिए,
हर कोई इश्क ढूढ रहा है, यहाँ ज़िन्दगी के लिए।
शायद सच कहते हैं लोग,
औरत का दिमाग नहीं होता,
तभी तो वो हर रिश्ता दिल से निभाते हैं,
बिना किसी मतलब के।
स्वयं की कमियों को बताता कोई नहीं,
अपने मतलब के बगैर हाथ मिलाता कोई नहीं,
प्यार से सभी करते हैं आपसे,
मगर किसी का साथ निभाता कोई नहीं।
मतलब पड़ा तो सारे अनुबंध हो गए,
नेवलों के भी सांपोंसे संबंध हो गए।
कुछ गैर ऐसे मिले जो मुझे अपना बना गए,
कुछ अपने ऐसे निकले जो गैर का मतलब बता गए।
इस मतलब की दुनिया मे,
कौन किसी का होता है,
वहीं दोस्त धोखा देते है,
जिनपर भरोसा ज़्यादा होता है।
मुझे रिश्तों की लम्बी कतारों से मतलब नही दोस्तों,
कोई दिल से हो मेरा तो बस इक शख्स ही काफी है।