वो हर बार अगर चेहरा बदल कर न आया होता,
तो धोखा उस शख्स से मैं यूँ न खाया होता,
रहता अगर याद कर मुझे लौट के आती नहीं,
ज़िन्दगी फिर मैंने तुझे यूं न गंवाया होता।
ज़िन्दगी तुझसे हर एक साँस पे समझौता करूँ,
शौक़ जीने का है मुझको मगर इतना तो नहीं,
रूह को दर्द मिला, दर्द को आँखें न मिली,
तुझको महसूस किया है तुझे देखा तो नहीं।
कुछ हक़ीक़त कुछ सपने दिखाए,
कुछ पराये कुछ अपने दिखाए,
मुझे नफ़रत है इन सब से,
ए ज़िन्दगी बता क्या ये सब मेरे रब ने दिखाए।
हौसले जिंदगी के देखते है,
चलिए कुछ रोज जी के देखते है,
नींद पिछली सदी की जख्मी है,
ख़्वाब अगली सदी के देखते है।
दुनिया में सैकड़ों दर्दमंद मिलते है,
पर काम के लोग चंद मिलते है,
जब मुसीबत का वक़्त आता है,
सब के दरवाजे बंद मिलते है।
हमारा कोई अपना बन जाता,
बंद आँखों का सपना बन जाता,
ज़िन्दगी के लिए हम अँधेरे बन गए कि,
कहीं अँधेरा ही मेरी ज़िन्दगी का गुनाह न बन जाता।
तंग आ चुके हैं कशमकश ए ज़िंदगी से हम,
ठुकरा न दें जहाँ को कहीं बे दिली से हम,
लो आज हमने छोड़ दिया रिश्ता ए उमीद,
लो अब कभी किसी से गिला ना करेगे हम।
नज़रों से दूर सही दिल के बहुत पास है तू,
बिखरी हुई इस ज़िन्दगी में मेरे जीने की आस है तू।
आहिस्ता चल ऐ ज़िंदगी
कुछ क़र्ज़ चुकाने बाकी है,
कुछ दर्द मिटाने बाकी है
कुछ फ़र्ज़ निभाने बाकी है।
जिंदगी से अपना हर दर्द छुपा लेना,
ख़ुशी ना मिले तो ग़म गले लगा लेना,
कोई अगर कहे मोहब्बत आसान होती है,
तो उसे मेरा टूटा हुआ दिल दिखा देना।
बहुत सा पानी छुपाया है मैंने अपनी पलकों में,
जिंदगी लम्बी बहुत है क्या पता कब प्यास लग जाए।