अपने मतलब के लिये लोग, कितना बदल जाते हैं,
वे अपनों को पीछे धकेल कर, आगे निकल जाते हैं,
कोई मरता भी हो तो उनकी बला से,
वो तो लाशों पर पाँव रखकर, आगे निकल जाते हैं।
ज़िन्दगी का मतलब उसने सिखाया,
ज़िन्दगी से जुदा जो कर गया हमे।
जब मतलब हो जाते हैं न पुरे,
तब रिश्तें रह जाते है अधूरे।
मतलब पड़ा तो सारे अनुबंध हो गए,
नेवलों के भी सांपोंसे संबंध हो गए।
मतलब से कितने ही रिश्ते बनाने की कोशिश करो,
वो रिश्ता कभी नहीं बनता ,
और प्यार से बने रिश्ते को तोड़ने की कितनी भी,
कोशिश करो वो रिश्ता कभी नहीं टुटता।
दिलों में मतलब और जुबान से प्यार करते हैं,
बहुत से लोग दुनिया में यही कारोबार करते हैं।
तमन्ना जो आये ख्वाबो में,
हकिकत बन जाए तो क्या बात है,
कुछ लोग मतलब के लिए ढुढते हैं मुझे,
बिन मतलब कोई आये तो क्या बात है।
मतलब का भार, काफी ज्यादा होता है,
तभी तो मतलबी निकलते है, तो रिश्ते हल्के हो जाते हैं।
जरा सी बात से मतलब बदल जाते हैं,
आपकी तरफ उंगली उठे तो बेइज्जती,
और अंगूठा उठे तो तारीफ।
इस दौर ए जमाने ने मौज और मतलब को दे दिया प्यार का नाम,
दफन हो कर रह गयी किताबो मे सच्चे प्यार कि दास्तान।