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Home Alone Shayari in Hindi & English Painful Alone Sad Shayari in Hindi - पैनफूल अलोन सैड शायरी इन हिंदी

ये वक्त गुजर रहा है तुम भी कुछ पल चुरा लो

ये वक्त गुजर रहा है तुम भी कुछ पल चुरा लोये वक्त गुजर रहा है,
तुम भी कुछ पल चुरा लो,
कब तक अकेले रहोगे,
मेरी मानो किसी से तुम भी दिल लगा लो।

एक रात क्या गुजरी तेरी तन्हाई मेंएक रात क्या गुजरी तेरी तन्हाई में,
गुजर गयी हजारों बारिशें आँखों से।

कोई तो होगा टूटा हुआ मेरी तरह ही जोकोई तो होगा टूटा हुआ मेरी तरह ही जो,
जुड़ने की ख्वाहिश लिए जी रहा होगा अकेला कही।

शाम से आँख में नमी सी हैशाम से आँख में नमी सी है,
आज फिर आप की कमी सी है।

एक झलक तेरी जो आंखों में बस जाती हैएक झलक तेरी जो आंखों में बस जाती है,
एक हंसी तेरी जो दिल में उतर जाती है,
अकेले में जब भी तेरी याद आती है,
मेरे होंठों पे मुस्कुराहट चली आती है।

रात को जब चाँद सितारे चमकते हैरात को जब चाँद सितारे चमकते है,
हम हरदम आपकी याद में तड़पते है,
आप तो चले गए हो छोड़ के हमको,
मगर हम आपसे मिलने को तरसते है।

तन्हाई की रात कट ही जाएगी इतने भी हम मजबूर नहींतन्हाई की रात कट ही जाएगी
इतने भी हम मजबूर नहीं,
दोहरा कर तेरी बातों को
कभी रो लेंगे कभी हँस लेंगे।

शाम खाली है जाम खाली हैशाम खाली है जाम खाली है,
ज़िन्दगी यूँ गुजरने वाली है।

चले आओ इधर कभी दो बात कर लेंगेचले आओ इधर, कभी दो बात कर लेंगे,
जो अकेले है तुम भी, हम साथ कर लेंगे,
कुछ नहीं संबंध जगत, लिपटे नाग चंदन,
उगलो जहर तो हम, अमृत पान कर लेंगे।

ये भी शायद ज़िंदगी की इक अदा है दोस्तोंये भी शायद ज़िंदगी की इक अदा है दोस्तों,
जिसको कोई मिल गया वो और तन्हा हो गया।

बात करो रूठे यारों से सन्नाटे से डर जाते हैबात करो रूठे यारों से,
सन्नाटे से डर जाते है,
इश्क़ अकेला जी सकता है,
दोस्त अकेले मर जाते है।

अकेला हूँ मुकम्मल होने की कोई चाह ना बचीअकेला हूँ,
मुकम्मल होने की कोई चाह ना बची,
उदास हूं,
संग बैठ हमदर्द बने कोई उम्मीद ना बची।

किसी का कल अकेला था किसी का आज अकेला हैकिसी का कल अकेला था,
किसी का आज अकेला है,
सुर की तलाश है सबको,
यहाँ हर साज़ अकेला है।

जब तक थी मर्जी तब तक खेला फिर तुमने मुझे परे धकेलाजब तक थी मर्जी तब तक खेला,
फिर तुमने मुझे परे धकेला,
साथ अब मेरे साथ मेरी कलम है,
समझो न मुझको तुम अकेला।

अकेला छोड़ दो मुझे या फिर मेरे हो जाओअकेला छोड़ दो मुझे या फिर मेरे हो जाओ,
मुझे अच्छा नहीं लगता कभी पाना कभी खोना।

मैं अकेला ही भला हूँ किसी औऱ की उम्मीद नहीं करतामैं अकेला ही भला हूँ,
किसी औऱ की उम्मीद नहीं करता,
तन्हाई रोज़ खुल कर जीता हूँ,
भीड़ से गुज़रने की जिद नहीं करता।

जब अकेला होता हूँ अकसर तुम्हे बुलाता हूँजब अकेला होता हूँ,
अकसर तुम्हे बुलाता हूँ,
जब तुम नहीं आते हो,
टूटकर यादों में खो जाता हूँ।

तन्हाई में चलते चलते अब पैर लडखडा रहे हैतन्हाई में चलते चलते
अब पैर लडखडा रहे है,
कभी साथ चलता था कोई,
अब अकेले चलें जा रहे है।

मुझको मेरे अकेलेपन से अब शिकायत नहीं हैमुझको मेरे अकेलेपन से अब शिकायत नहीं है,
मैं पत्थर हूँ मुझे खुद से भी मुहब्बत नहीं है।

जगमगाते शहर की रानाइयों में क्या न थाजगमगाते शहर की रानाइयों में क्या न था,
ढूँढ़ने निकला था जिसको बस वही चेहरा न था,
हम वही, तुम भी वही, मौसम वही, मंज़र वही,
फ़ासले बढ़ जायेंगे इतने मैंने कभी सोचा न था।

ज़िन्दगी के ज़हर को यूं है कर पी रहे हैज़िन्दगी के ज़हर को यूं है कर पी रहे है,
तेरे प्यार बिना यूं ही ज़िन्दगी जी रहे है,
अकेलेपन से तो डर नहीं लगता हमें
तेरे जाने के बाद यूँ ही तनहा जी रहे है।


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