मतलब पड़ा तो सारे अनुबंध हो गए,
नेवलों के भी सांपोंसे संबंध हो गए।
चलो माना उन तक पहुंचती नहीं तपिश हमारी,
मतलब ये तो नहीं के सुलगते नहीं हैं हम।
समझने वाले कितने हैं उससे मतलब नहीं,
मतलब उससे है समझने की कोशिश कितनों ने की।
जब मतलब हो जाते हैं न पुरे,
तब रिश्तें रह जाते है अधूरे।
जरा सी बात से मतलब बदल जाते हैं,
आपकी तरफ उंगली उठे तो बेइज्जती,
और अंगूठा उठे तो तारीफ।
उन बेहिसाब बातों के कुछ मतलब न निकले,
जितना सिर्फ एक ख़ामोशी ने कह दिया।
अपने मतलब के लिये लोग, अक्सर बदल जाते हैं,
वे अपनो को पीछे छोड़ कर, आगे निकल जाते हैं,
कोई मरता भी हो तो उनकी बला से,
वो तो मरे पर कदम रखकर, आगे बढ़ जाते हैं।
सब मतलब की यारी है,
यही दुनिया की सबसे बड़ी बीमारी है।
स्वयं की कमियों को बताता कोई नहीं,
अपने मतलब के बगैर हाथ मिलाता कोई नहीं,
प्यार से सभी करते हैं आपसे,
मगर किसी का साथ निभाता कोई नहीं।
प्यार का मतलब तो नहीं मालूम मुझे,
मगर जब जब तुझे देखूँ दिल धड़कने लगता है।
ज़िन्दगी का मतलब उसने सिखाया,
ज़िन्दगी से जुदा जो कर गया हमे।
निकल गया मतलब या और कोई काम लोगे,
बदनाम तो हो ही गये हैं और कितना नाम लोगे।
मेरी मासुमीयत पर हंसते हैं, मतलब निकालने वाले,
खुद को बहुत समझदार समझते हैं, ये शहर में रहने वाले।
इश्क़ बेमतलब ही सही,
पर मतलबी लोगो से हुआ।
अपने मतलब के लिये लोग, कितना बदल जाते हैं,
वे अपनों को पीछे धकेल कर, आगे निकल जाते हैं,
कोई मरता भी हो तो उनकी बला से,
वो तो लाशों पर पाँव रखकर, आगे निकल जाते हैं।
सब मतलब की बात समझते हैं,
काश कोई बात का मतलब समझता।
कभी मतलब के लिए, तो कभी बस दिल्लगी के लिए,
हर कोई इश्क ढूढ रहा है, यहाँ ज़िन्दगी के लिए।
इस दौर ए जमाने ने मौज और मतलब को दे दिया प्यार का नाम,
दफन हो कर रह गयी किताबो मे सच्चे प्यार कि दास्तान।
जिंदगी में खुद को कभी किसी इंसान के आदि मत बनाना,
क्योंकि इंसान केवल अपने मतलब से ही प्यार करता है।
तमन्ना जो आये ख्वाबो में,
हकिकत बन जाए तो क्या बात है,
कुछ लोग मतलब के लिए ढुढते हैं मुझे,
बिन मतलब कोई आये तो क्या बात है।