तन्हाई में चलते चलते
अब पैर लडखडा रहे है,
कभी साथ चलता था कोई,
अब अकेले चलें जा रहे है।
तेरे जलवों ने मुझे घेर लिया है ऐ दोस्त,
अब तो तन्हाई के लम्हे भी हसीं लगते है।
बीते हुए कुछ दिन ऐसे है
तन्हाई जिन्हें दोहराती है,
रो-रो के गुजरती है रातें
आँखों में सहर हो जाती है।
ज़िन्दगी के ज़हर को यूं है कर पी रहे है,
तेरे प्यार बिना यूं ही ज़िन्दगी जी रहे है,
अकेलेपन से तो डर नहीं लगता हमें
तेरे जाने के बाद यूँ ही तनहा जी रहे है।
एक रात क्या गुजरी तेरी तन्हाई में,
गुजर गयी हजारों बारिशें आँखों से।
कोई तो होगा टूटा हुआ मेरी तरह ही जो,
जुड़ने की ख्वाहिश लिए जी रहा होगा अकेला कही।
बात करो रूठे यारों से,
सन्नाटे से डर जाते है,
इश्क़ अकेला जी सकता है,
दोस्त अकेले मर जाते है।
अकेले रहना भी एक दर्द है,
किसी को पाकर खोना भी एक दर्द है,
छीन लेती है दुनिया उसी चीज को हमसे,
जिसके बिना जीना सबसे बड़ा दर्द है।
एक झलक तेरी जो आंखों में बस जाती है,
एक हंसी तेरी जो दिल में उतर जाती है,
अकेले में जब भी तेरी याद आती है,
मेरे होंठों पे मुस्कुराहट चली आती है।
तन्हाई की रात कट ही जाएगी
इतने भी हम मजबूर नहीं,
दोहरा कर तेरी बातों को
कभी रो लेंगे कभी हँस लेंगे।
मैं अकेला ही भला हूँ,
किसी औऱ की उम्मीद नहीं करता,
तन्हाई रोज़ खुल कर जीता हूँ,
भीड़ से गुज़रने की जिद नहीं करता।
अजीब सी बेताबी रहती है तेरे बिना,
रह भी लेते है और रहा भी नहीं जाता।
तुम्हारे बगैर ये वक्त ये दिन और ये रात,
गुजर तो जाते हैं मगर गुजारे नहीं जाते।
जगमगाते शहर की रानाइयों में क्या न था,
ढूँढ़ने निकला था जिसको बस वही चेहरा न था,
हम वही, तुम भी वही, मौसम वही, मंज़र वही,
फ़ासले बढ़ जायेंगे इतने मैंने कभी सोचा न था।
मैं जो हूँ मुझे रहने दे हवा के जैसे बहने दे,
तन्हा सा मुसाफिर हूँ मुझे तन्हा ही तू रहने दे।
अकेला छोड़ दो मुझे या फिर मेरे हो जाओ,
मुझे अच्छा नहीं लगता कभी पाना कभी खोना।
ये भी शायद ज़िंदगी की इक अदा है दोस्तों,
जिसको कोई मिल गया वो और तन्हा हो गया।
ना जाने क्यूँ खुद को अकेला सा पाया है,
हर एक रिश्ते में खुद को गँवाया है।
शायद कोई तो कमी है मेरे वजूद में,
तभी हर किसी ने हमें यूँ ही ठुकराया है।
किसी का कल अकेला था,
किसी का आज अकेला है,
सुर की तलाश है सबको,
यहाँ हर साज़ अकेला है।
क्या लाजवाब था तेरा छोड़ कर जाना,
भरी भरी आँखों से मुस्कराये थे हम,
अब तो सिर्फ मैं हूँ और तेरी यादें है,
गुज़र रहे हैं यूं तन्हाई के मौसम।