ज़िन्दगी के ज़हर को यूं है कर पी रहे है,
तेरे प्यार बिना यूं ही ज़िन्दगी जी रहे है,
अकेलेपन से तो डर नहीं लगता हमें
तेरे जाने के बाद यूँ ही तनहा जी रहे है।
एक चाहत होती है जनाब,
अपनों के साथ जीने की,
वरना पता तो हमें भी है कि,
ऊपर अकेले ही जाना है।
ना जाने क्यूँ खुद को अकेला सा पाया है,
हर एक रिश्ते में खुद को गँवाया है।
शायद कोई तो कमी है मेरे वजूद में,
तभी हर किसी ने हमें यूँ ही ठुकराया है।
अकेले आने और अकेले जाने के बीच,
अकेले जीना सीखना ही जिंदगी है।
बात करो रूठे यारों से,
सन्नाटे से डर जाते है,
इश्क़ अकेला जी सकता है,
दोस्त अकेले मर जाते है।
अजीब सी बेताबी रहती है तेरे बिना,
रह भी लेते है और रहा भी नहीं जाता।
शाम से आँख में नमी सी है,
आज फिर आप की कमी सी है।
यूँ सरेआम भी ना बताओ,
वरना दुनिया वाले दोनों को पागल कहेंगे,
अगर किसी और ने थमा दिया तुमको फूल,
तक हम तेरे बिना अकेले कैसे रहेंगे।
अकेला छोड़ दो मुझे या फिर मेरे हो जाओ,
मुझे अच्छा नहीं लगता कभी पाना कभी खोना।
रात को जब चाँद सितारे चमकते है,
हम हरदम आपकी याद में तड़पते है,
आप तो चले गए हो छोड़ के हमको,
मगर हम आपसे मिलने को तरसते है।