तन्हाई में चलते चलते
अब पैर लडखडा रहे है,
कभी साथ चलता था कोई,
अब अकेले चलें जा रहे है।
अकेला छोड़ दो मुझे या फिर मेरे हो जाओ,
मुझे अच्छा नहीं लगता कभी पाना कभी खोना।
ज़िन्दगी के ज़हर को यूं है कर पी रहे है,
तेरे प्यार बिना यूं ही ज़िन्दगी जी रहे है,
अकेलेपन से तो डर नहीं लगता हमें
तेरे जाने के बाद यूँ ही तनहा जी रहे है।
अकेला हूँ,
मुकम्मल होने की कोई चाह ना बची,
उदास हूं,
संग बैठ हमदर्द बने कोई उम्मीद ना बची।
शाम से आँख में नमी सी है,
आज फिर आप की कमी सी है।
जब तक थी मर्जी तब तक खेला,
फिर तुमने मुझे परे धकेला,
साथ अब मेरे साथ मेरी कलम है,
समझो न मुझको तुम अकेला।
जगमगाते शहर की रानाइयों में क्या न था,
ढूँढ़ने निकला था जिसको बस वही चेहरा न था,
हम वही, तुम भी वही, मौसम वही, मंज़र वही,
फ़ासले बढ़ जायेंगे इतने मैंने कभी सोचा न था।
एक चाहत होती है जनाब,
अपनों के साथ जीने की,
वरना पता तो हमें भी है कि,
ऊपर अकेले ही जाना है।
बीते हुए कुछ दिन ऐसे है
तन्हाई जिन्हें दोहराती है,
रो-रो के गुजरती है रातें
आँखों में सहर हो जाती है।
जब अकेला होता हूँ,
अकसर तुम्हे बुलाता हूँ,
जब तुम नहीं आते हो,
टूटकर यादों में खो जाता हूँ।
यूँ तो हर रंग का मौसम मुझसे वाकिफ है मगर,
रात की तन्हाई मुझे कुछ अलग ही जानती है।
ये वक्त गुजर रहा है,
तुम भी कुछ पल चुरा लो,
कब तक अकेले रहोगे,
मेरी मानो किसी से तुम भी दिल लगा लो।
ख़ुदा करे कि इस दिल की आवाज़ में
इतना असर हो जाए,
जिसकी याद में तड़प रहे है हम
उसे ख़बर हो जाए।
किसी का कल अकेला था,
किसी का आज अकेला है,
सुर की तलाश है सबको,
यहाँ हर साज़ अकेला है।
अकेले रहना भी एक दर्द है,
किसी को पाकर खोना भी एक दर्द है,
छीन लेती है दुनिया उसी चीज को हमसे,
जिसके बिना जीना सबसे बड़ा दर्द है।
कोई तो होगा टूटा हुआ मेरी तरह ही जो,
जुड़ने की ख्वाहिश लिए जी रहा होगा अकेला कही।
क्या लाजवाब था तेरा छोड़ कर जाना,
भरी भरी आँखों से मुस्कराये थे हम,
अब तो सिर्फ मैं हूँ और तेरी यादें है,
गुज़र रहे हैं यूं तन्हाई के मौसम।
ना जाने क्यूँ खुद को अकेला सा पाया है,
हर एक रिश्ते में खुद को गँवाया है।
शायद कोई तो कमी है मेरे वजूद में,
तभी हर किसी ने हमें यूँ ही ठुकराया है।
जिंदगी के ज़हर को यूँ हँस के पी रहे है,
तेरे प्यार बिना यूँ ही ज़िन्दगी जी रहे है,
अकेलेपन से तो अब डर नहीं लगता हमें,
तेरे जाने के बाद यूँ ही तन्हा जी रहे है।
मैं जो हूँ मुझे रहने दे हवा के जैसे बहने दे,
तन्हा सा मुसाफिर हूँ मुझे तन्हा ही तू रहने दे।