अब मैं अकेले नहीं बैठता कहीं,
बहुत डराती हैं तुम्हारी यादें मुझे अकेले में।
पास आकर सब दूर चले जाते है,
अकेले थे हम, अकेले ही रह जाते है,
इस दिल का दर्द दिखाएँ किसे,
मल्हम लगाने वाले ही जख्म दे जाते है।
बिखरी किताबें भीगे पलक और ये तन्हाई,
कहूँ कैसे कि मिला मोहब्बत में कुछ भी नहीं।
इक आग तन्हाई की जो सारे बदन में फैल गई,
जिस्म ही सारा जलता हो तो दिल को बचाएँ कैसे।
रात को जब चाँद सितारे चमकते है,
हम हरदम आपकी याद में तड़पते है,
आप तो चले गए हो छोड़ के हमको,
मगर हम आपसे मिलने को तरसते है।
उसकी आरज़ू अब खो गयी है,
खामोशियों की आदत सी हो गयी है,
न शिकवा रहा न शिकायत किसी से,
बस एक मोहब्बत है जो इन तन्हाइयों से हो गई है।
कभी पहलू में आओ तो बताएँगे तुम्हें,
हाल-ए-दिल अपना तमाम सुनाएँगे तुम्हें,
काटी है अकेले कैसे हमने तन्हाई की रातें,
हर उस रात की तड़प दिखाएँगे तुम्हें।
इश्क़ खता हम दोनों ने की,
इल्जाम सारे मुझ अकेले पर लगे,
भूल ही गयी हो तुम तो,
हम क्यों तेरी याद में रात भर जगें।
हो सकता है हमने आपको कभी रुला दिया,
आपने तो दुनिया के कहने पर हमें भुला दिया,
हम तो वैसे भी अकेले थे इस दुनियां में,
क्या हुआ अगर आपने एहसास दिला दिया।
वो सिलसिले वो शौक वो ग़ुरबत न रही,
फिर यूँ हुआ के दर्द में सिद्दत न रही,
अपनी जिंदगी में हो गये मशरूफ वो इतना,
कि हमको याद करने कि फुरसत न रही।
न जाने क्यों खुद को अकेला सा पाया है,
हर एक रिश्ते में खुद को गवाया है,
शायद कोई तो कमी है मेरे वजूद में,
तभी हर किसी ने हमे यूँ ही ठुकराया है।
मैं किस कदर अकेला जी लेता हूँ,
हंसता रहता हूँ अपने आँसु पी लेता हूँ,
टूटा जो दिल तेरे जाने के बाद,
वो मैं अकेला बैठकर ही सी लेता हूँ।
मेरा और उस चाँद का मुकद्दर एक जैसा है,
वो तारों में तन्हा है और मैं हजारों में तन्हा।
क्या करेंगे महफिलों में हम बता,
मेरा दिल रहता है काफिलों में अकेला।
आगोश में ले लो मुझे बहुत अकेला हूँ मैं,
बसा लो दिल की धड़कन में अकेला हूँ मैं,
जो तुम नहीं जिंदगी में तो फिर कुछ नहीं,
समा जाओ मुझ में कि अकेला हूँ मैं।
ज़िन्दगी के ज़हर को यूँ पी रहे है,
तेरे प्यार के बिना यूँ ज़िन्दगी जी रहे है,
अकेलेपन से तो अब डर नहीं लगता हमें,
तेरे जाने के बाद यूँ ही तन्हा जी रहे है।
जानता पहले से था मैं,
लेकिन एहसास अब हो रहा है,
अकेला तो बहुत समय से हूं मैं,
पर महसूस अब हो रहा है।
कभी जो वादे करती थी,
ज़िदंगी भर साथ निभाने का,
वो एक पल में रिश्ता तोड़ गई,
मुझे यू बीच रह में अकेला छोड़ गई।
ख्वाब बोये थे और अकेलापन काटा है,
इस मोहब्बत में बहुत घाटा है।
मेरी तन्हाई मार डालेगी दे दे कर तानें मुझको,
एक बार आ जाओ इसे तुम खामोश कर दो।