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Home Insaan Shayari Insaan Ki Pehchan Shayari in Hindi - इंसान की पहचान शायरी इन हिंदी

बदलते है रिश्ते हर रोज यहाँ सरेआम

बदलते है रिश्ते हर रोज यहाँ सरेआमबदलते है रिश्ते हर रोज यहाँ सरेआम,
यहाँ हर रोज बदल जाती है इंसान की पहचान।

बेअदबी पहचान है जिस शख्स कीबेअदबी पहचान है जिस शख्स की,
वो अदब की अदाकारी सिखाता है।

काम करो ऐसा कि पहचान बन जाएकाम करो ऐसा कि पहचान बन जाए,
हर कदम ऐसा चलो कि निशान बन जाए,
यहाँ जिन्दगी तो सभी काट लेते है,
जिन्दगी जियो ऐसे कि मिसाल बन जाए।

जब होगी तेरी जरूरत तुझे पहचानेंगे लोगजब होगी तेरी जरूरत तुझे पहचानेंगे लोग,
ये शहर है यहां ऐसे ही जान पहचान होती है।

अपनी पहचान भीड़ में खोकर खुद को कमरों में ढूंढ़ते है लोगअपनी पहचान भीड़ में खोकर,
खुद को कमरों में ढूंढ़ते है लोग।

काबिलियत तो इंसान में है इतनी कि जन्नत भी झुका देंकाबिलियत तो इंसान में है इतनी,
कि जन्नत भी झुका दें,
एक बार पहचान ले खुद को,
तो पूरी दुनिया को हिला दें।

सुनो न तुम अजनबी ही अच्छे हो, जान पहचान अकसर जानलेवा होती है।सुनो न तुम अजनबी ही अच्छे हो,
जान पहचान अकसर जानलेवा होती है।

अजनबी बने रहने में सुकून है ये जान पहचान जान ले लेती हैअजनबी बने रहने में सुकून है,
ये जान पहचान जान ले लेती है।

बदलते है रिश्ते हर रोज यहाँ सरेआमबदलते है रिश्ते हर रोज यहाँ सरेआम,
यहाँ हर रोज बदल जाती है इंसान की पहचान।

आप बस किरदार हैं अपनी हदें पहचानिएआप बस किरदार हैं अपनी हदें पहचानिए,
वर्ना आप भी दिन कहानी से निकाले जाएंगी।

कैसे हो पाएगी अच्छे इंसान की पहचानकैसे हो पाएगी अच्छे इंसान की पहचान,
जब दोनों ही नकली हो गये है आँसू और मुस्कान।

जिन्दगी में न कोई राह आसान चाहिएजिन्दगी में न कोई राह आसान चाहिए,
न कोई अपनी ख़ास पहचान चाहिए,
बस एक ही दुआ मांगते है रोज भगवान से,
आपके चेहरे पर प्यारी सी मुस्कान चाहिए।

समय समय पर ठोकरें और धोखे मिलते रहना चाहियेसमय-समय पर ठोकरें और धोखे मिलते रहना चाहिये,
इससे अपने और पराये की पहचान होती रहती है।

वैसे तो सभी लोग अच्छे होते हैवैसे तो सभी लोग अच्छे होते है,
पर इंसान की पहचान बुरे वक्त में होती है।

गुमनामी के अँधेरे में था पहचान बना दियागुमनामी के अँधेरे में था, पहचान बना दिया,
दुनिया के गम से मुझे, अनजान बना दिया,
उनकी ऐसी कृपा हुई,
गुरू ने मुझे एक अच्छा इंसान बना दिया।

दिल में गम आँखों में नमीदिल में गम, आँखों में नमी,
चेहरे पर उदासी, जिन्दगी में कमी,
बेबसी रूह में और होठो पे मुस्कान,
जालिम, यही तो है मोहब्बत में बर्बाद,
एक तरफ़ा आशिक की पहचान।

उनकी मोहब्बत के अभी निशान बाकी हैउनकी मोहब्बत के अभी निशान बाकी है,
नाम मेरे लब पर हैं और मेरी जान बाकी है,
क्या हुआ अगर मुझे देखकर फेर लेते हैं अपनी सूरत,
तस्सली है कि उनकी नजर में अभी मेरी पहचान बाकी है।

चीज़ों से हो रही है इंसान की पहचानचीज़ों से हो रही है इंसान की पहचान,
औकात अब हमारी बाजार लिख रहे हैं।

कोई बोलता है तुम हिन्दू बन जाओकोई बोलता है तुम हिन्दू बन जाओ,
कोई बोलता है मुसलमान बन जाओ,
कुछ ऐसा कर जाओ इस जिन्दगी में कि,
हर मजहब की तुम पहचान बन जाओ।

विरासत में दौलत और शोहरत तो मिल जाया करती हैविरासत में दौलत और शोहरत तो मिल जाया करती है,
पर पहचान तो इंसान को खुद ही बनानी पड़ती है।

गुजारिश हमारी वह मान न सकेगुजारिश हमारी वह मान न सके,
मज़बूरी हमारी वह जान न सके,
कहते हैं मरने के बाद भी याद रखेंगे,
जीते जी जो हमें पहचान न सके।


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