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Home Insaan Shayari Insaan Ki Pehchan Shayari in Hindi - इंसान की पहचान शायरी इन हिंदी

एक बेहतरीन इंसान अपनी जुबान और कर्मो से ही पहचाना जाता है

एक बेहतरीन इंसान अपनी जुबान और कर्मो से ही पहचाना जाता हैएक बेहतरीन इंसान अपनी जुबान और कर्मो से ही पहचाना जाता है,
वरना अच्छी बातें तो दीवारों पे भी लिखी होती हैं।

आप बस किरदार हैं अपनी हदें पहचानिएआप बस किरदार हैं अपनी हदें पहचानिए,
वर्ना आप भी दिन कहानी से निकाले जाएंगी।

गुमनामी के अँधेरे में था पहचान बना दियागुमनामी के अँधेरे में था, पहचान बना दिया,
दुनिया के गम से मुझे, अनजान बना दिया,
उनकी ऐसी कृपा हुई,
गुरू ने मुझे एक अच्छा इंसान बना दिया।

कुछ अलग करना हो तो भीड़ से हट के चलिएकुछ अलग करना हो तो भीड़ से हट के चलिए,
भीड़ साहस तो देती है मगर पहचान छीन लेती है।

करनी हो पहचान किसी के दिल के दर्द कीकरनी हो पहचान किसी के दिल के दर्द की,
तो दोस्तों गौर से देखना वे मुस्कुराते बहुत है।

हँसता हुआ चेहरा आपकी शान बढ़ाता है मगरहँसता हुआ चेहरा आपकी शान बढ़ाता है मगर,
हँसकर किया हुआ कार्य आपकी पहचान बढ़ाता है।

बड़ी अजीब सी है शहरों की रौशनीबड़ी अजीब सी है शहरों की रौशनी,
उजालों के बावजूद चेहरे पहचानना मुश्किल है।

जिन्दगी में न कोई राह आसान चाहिएजिन्दगी में न कोई राह आसान चाहिए,
न कोई अपनी ख़ास पहचान चाहिए,
बस एक ही दुआ मांगते है रोज भगवान से,
आपके चेहरे पर प्यारी सी मुस्कान चाहिए।

किसी से ज़बर्दस्ती का, प्यार नहीं हुआ करताकिसी से ज़बर्दस्ती का, प्यार नहीं हुआ करता,
कोई भी ज़बर्दस्ती से, अपना नहीं हुआ करता,
जो दिल के करीब है सिर्फ उसको पहचानो,
कभी दिल के कालों से, रिश्ता नहीं हुआ करता।

काबिलियत तो इंसान में है इतनी कि जन्नत भी झुका देंकाबिलियत तो इंसान में है इतनी,
कि जन्नत भी झुका दें,
एक बार पहचान ले खुद को,
तो पूरी दुनिया को हिला दें।

चेहरे से सिर्फ इंसान की पहचान होती हैचेहरे से सिर्फ इंसान की पहचान होती है,
चेहरे से परख नहीं होती।

पहचान पाने के खातिर पूरा जीवन लगा दियापहचान पाने के खातिर पूरा जीवन लगा दिया,
चंद रूपयों के लालच में ईमान को दांव पर लगा दिया।

दिल में गम आँखों में नमीदिल में गम, आँखों में नमी,
चेहरे पर उदासी, जिन्दगी में कमी,
बेबसी रूह में और होठो पे मुस्कान,
जालिम, यही तो है मोहब्बत में बर्बाद,
एक तरफ़ा आशिक की पहचान।

कोई बोलता है तुम हिन्दू बन जाओकोई बोलता है तुम हिन्दू बन जाओ,
कोई बोलता है मुसलमान बन जाओ,
कुछ ऐसा कर जाओ इस जिन्दगी में कि,
हर मजहब की तुम पहचान बन जाओ।

इंसान की पहचान की शुरूआत चेहरे से होती हैइंसान की पहचान की शुरूआत चेहरे से होती है,
पर उसकी सम्पूर्ण पहचान तो व्यवहार से ही होती है।

करनी हो पहचान अगर गमगीन शख्स कीकरनी हो पहचान अगर गमगीन शख्स की,
दोस्तों गौर से देखना वो मुस्कुराते बहुत है।

अपनी ज़िन्दगी में काम करो ऐसा के पहचान बन जायेअपनी ज़िन्दगी में काम करो ऐसा, के पहचान बन जाये,
इस तरह से चलो के निशान बन जाये,
ज़िन्दगी तो हर कोई काट लिया करता है,
इस तरह से ज़िन्दगी गुजारो के मिसाल बन जाये।

पहचान की नुमाईश यारों जरा कम करोपहचान की नुमाईश यारों जरा कम करो,
जहाँ भी 'मैं' लिखा है उसे 'हम' करो।

जान पहचान बनाने से कुछ मिलता नहीजान-पहचान बनाने से कुछ मिलता नही,
तूफ़ान कितना भी तेज हो पहाड़ हिलता नही।

विरासत में दौलत और शोहरत तो मिल जाया करती हैविरासत में दौलत और शोहरत तो मिल जाया करती है,
पर पहचान तो इंसान को खुद ही बनानी पड़ती है।

जब होगी तेरी जरूरत तुझे पहचानेंगे लोगजब होगी तेरी जरूरत तुझे पहचानेंगे लोग,
ये शहर है यहां ऐसे ही जान पहचान होती है।


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