किसी से ज़बर्दस्ती का, प्यार नहीं हुआ करता,
कोई भी ज़बर्दस्ती से, अपना नहीं हुआ करता,
जो दिल के करीब है सिर्फ उसको पहचानो,
कभी दिल के कालों से, रिश्ता नहीं हुआ करता।
समय-समय पर ठोकरें और धोखे मिलते रहना चाहिये,
इससे अपने और पराये की पहचान होती रहती है।
हर दिन एक नकाब पहन कर निकलता है,
वो इंसान, ख़ुद की पहचान से डरता है।
आपका प्यार ही हमारी जान है,
आप इस बात से आज तक अंजान है,
हम तो ये तक नही जानते कि हम कौन है,
क्योंकि आपका प्यार ही हमारी पहचान है।
जब से हमें अपने परायों की पहचान हो गई,
तन्हा ही रहता हूँ पूरी दुनिया वीरान हो गई,
हंसी के ठहाके गूंजा करते थे जिन गलियों में,
अब हाल यूं कि सारी सड़के सूनसान हो गई।
कोई बोलता है तुम हिन्दू बन जाओ,
कोई बोलता है मुसलमान बन जाओ,
कुछ ऐसा कर जाओ इस जिन्दगी में कि,
हर मजहब की तुम पहचान बन जाओ।
जान-पहचान बनाने से कुछ मिलता नही,
तूफ़ान कितना भी तेज हो पहाड़ हिलता नही।
पहचान की नुमाईश यारों जरा कम करो,
जहाँ भी 'मैं' लिखा है उसे 'हम' करो।
पहचान पाने के खातिर पूरा जीवन लगा दिया,
चंद रूपयों के लालच में ईमान को दांव पर लगा दिया।
हँसता हुआ चेहरा आपकी शान बढ़ाता है मगर,
हँसकर किया हुआ कार्य आपकी पहचान बढ़ाता है।