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Home Insaan Shayari Insaan Ki Pehchan Shayari in Hindi - इंसान की पहचान शायरी इन हिंदी

किरदार तो अक्सर नकाब में ही रहता है

किरदार तो अक्सर नकाब में ही रहता हैकिरदार तो अक्सर नकाब में ही रहता है,
लोग इन्सान की पहचान उसकी अदाकारी से करते हैं।

समय समय पर ठोकरें और धोखे मिलते रहना चाहियेसमय-समय पर ठोकरें और धोखे मिलते रहना चाहिये,
इससे अपने और पराये की पहचान होती रहती है।

वैसे तो सभी लोग अच्छे होते हैवैसे तो सभी लोग अच्छे होते है,
पर इंसान की पहचान बुरे वक्त में होती है।

पहचान पाने के खातिर पूरा जीवन लगा दियापहचान पाने के खातिर पूरा जीवन लगा दिया,
चंद रूपयों के लालच में ईमान को दांव पर लगा दिया।

घर से निकलो तो पता जेब में रख कर निकलोघर से निकलो तो पता जेब में रख कर निकलो,
हादसे इंसान की पहचान तक मिटा देते है।

पहचान की नुमाईश यारों जरा कम करोपहचान की नुमाईश यारों जरा कम करो,
जहाँ भी 'मैं' लिखा है उसे 'हम' करो।

कैसे हो पाएगी अच्छे इंसान की पहचानकैसे हो पाएगी अच्छे इंसान की पहचान,
जब दोनों ही नकली हो गये है आँसू और मुस्कान।

दिल में गम आँखों में नमीदिल में गम, आँखों में नमी,
चेहरे पर उदासी, जिन्दगी में कमी,
बेबसी रूह में और होठो पे मुस्कान,
जालिम, यही तो है मोहब्बत में बर्बाद,
एक तरफ़ा आशिक की पहचान।

अपनी पहचान भीड़ में खोकर खुद को कमरों में ढूंढ़ते है लोगअपनी पहचान भीड़ में खोकर,
खुद को कमरों में ढूंढ़ते है लोग।

किरदार तो अक्सर नकाब में ही रहता हैकिरदार तो अक्सर नकाब में ही रहता है,
लोग इन्सान की पहचान उसकी अदाकारी से करते हैं।

अपनी ज़िन्दगी में काम करो ऐसा के पहचान बन जायेअपनी ज़िन्दगी में काम करो ऐसा, के पहचान बन जाये,
इस तरह से चलो के निशान बन जाये,
ज़िन्दगी तो हर कोई काट लिया करता है,
इस तरह से ज़िन्दगी गुजारो के मिसाल बन जाये।

हँसता हुआ चेहरा आपकी शान बढ़ाता है मगरहँसता हुआ चेहरा आपकी शान बढ़ाता है मगर,
हँसकर किया हुआ कार्य आपकी पहचान बढ़ाता है।

जब से हमें अपने परायों की पहचान हो गईजब से हमें अपने परायों की पहचान हो गई,
तन्हा ही रहता हूँ पूरी दुनिया वीरान हो गई,
हंसी के ठहाके गूंजा करते थे जिन गलियों में,
अब हाल यूं कि सारी सड़के सूनसान हो गई।

काबिलियत तो इंसान में है इतनी कि जन्नत भी झुका देंकाबिलियत तो इंसान में है इतनी,
कि जन्नत भी झुका दें,
एक बार पहचान ले खुद को,
तो पूरी दुनिया को हिला दें।

जब होगी तेरी जरूरत तुझे पहचानेंगे लोगजब होगी तेरी जरूरत तुझे पहचानेंगे लोग,
ये शहर है यहां ऐसे ही जान पहचान होती है।

बेअदबी पहचान है जिस शख्स कीबेअदबी पहचान है जिस शख्स की,
वो अदब की अदाकारी सिखाता है।

लफ़्ज मेरी पहचान बने तो बेहतर हैलफ़्ज मेरी पहचान बने तो बेहतर है,
चेहरे का क्या वो तो साथ चला जाएगा।

गुमनामी के अँधेरे में था पहचान बना दियागुमनामी के अँधेरे में था, पहचान बना दिया,
दुनिया के गम से मुझे, अनजान बना दिया,
उनकी ऐसी कृपा हुई,
गुरू ने मुझे एक अच्छा इंसान बना दिया।

इंसान की पहचान की शुरूआत चेहरे से होती हैइंसान की पहचान की शुरूआत चेहरे से होती है,
पर उसकी सम्पूर्ण पहचान तो व्यवहार से ही होती है।

तेरी पहचान भी न खो जाए कहींतेरी पहचान भी न खो जाए कहीं,
इतने चेहरे ना बदल थोड़ी सी शोहरत के लिए।

हर दिन एक नकाब पहन कर निकलता हैहर दिन एक नकाब पहन कर निकलता है,
वो इंसान, ख़ुद की पहचान से डरता है।


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