जीते थे कभी हम भी शान से,
महक उठी थी फिजा किसी के नाम से,
पर गुज़रे हैं हम कुछ ऐसे मुकाम से,
की नफरत सी हो गयी है मोहब्बत के नाम से।
उसकी नफरतो को धार किसने दी,
मोहब्बत के हाथों तलवार किसने दी।
अजीब सी आदत और गज़ब की फितरत है मेरी,
मोहब्बत हो कि नफरत हो बहुत शिद्दत से करता हू।
नहीं हो तुम हिस्सा अब मेरी हसरत के,
तुम काबिल हो तो सिर्फ नफरत के।
न जाने किस शख़्स का इंतज़ार हमे आज भी है,
सुकून तो बहोत है पर दिल बेक़रार आज भी है,
तुमने हमे नफरतों के सिवा कुछ नहीं दिया लेकिन,
हमें तुम्हारी नफरतों से प्यार आज भी है।
किसी के लिए तो नफरत से भर दे,
भर गया उसका दिल मोहब्बत से।
नफरत से होने लगी है मोहब्बत से अब,
ज़िन्दगी कही तो पहुचा दे, खत्म होने से पहले।
देख के हमें वो सिर झुकाते है,
बुला के महफिल में नजर चुराते है,
नफरत हैं हमसे तो भी कोई बात नहीं,
पर गैरो से मिल के दिल क्यों जलाते हो।
नफरत कभी न करना तुम हमसे
ये हम सह नहीं पायेंगे,
एक बार कह देना हमसे ज़रूरत नहीं अब तुम्हारी
तुम्हारी दुनिया से हसकर चले जायेंगे।
कुछ लोग हमारी नफरत के काबिल भी ना होते,
और हम उन पर अपनी मोहब्बत जाया कर देते है।
दिलों में गर पली बेजा कोई हसरत नहीं होती,
हम इंसानों को इंसानों से यूँ नफरत नहीं होती।
नही हो अब तुम हिस्सा मेरी किसी हसरत के,
तुम बस काबिल हो बस मेरी नफरत के।
उसने नफ़रत से जो देखा है तो याद आया,
कितने रिश्ते उसकी ख़ातिर यूँ ही तोड़ आया हूँ,
कितने धुंधले हैं ये चेहरे जिन्हें अपनाया है,
कितनी उजली थी वो आँखें जिन्हें छोड़ आया हूँ।
फूलो के साथ काटें भी मिल जाते है,
खुशी के साथ गम भी मिल जाते हैं,
यह तो मजबूरी हैं हर आशिक़ कि,
वरना प्यार में नफरत कोई जान बुझ कर नहीं करता।
तूने जो किया गुनाह हम तुझे माफ़ न करेंगे,
अगर मिल भी गए किसी और जनम में
हम तब भी तुझसे नफरत ही करेंगे।
वो इंकार करते है इकरार के लिए,
नफरत करते है तो प्यार के लिए,
उलटी चाल चलते हैं ये इश्क़ वाले,
आँखें बंद करते है दीदार के लिए।
मैं फना हो गया अफसोस वो बदला भी नहीं,
मेरी चाहतें से भी सच्ची रही नफरत उसकी।
दिल पर ना मेरे यू वार कीजिए,
छोड़ो ये नफरत थोड़ा प्यार कीजिए,
तड़पते हैं जिस कदर तेरे प्यार में हम,
कभी खुद को भी उस कदर बेक़रार कीजिए।
नफ़रत की बाजार में हम मोहब्बत बेचते है,
कीमत के नाम पे सिर्फ़ दुआ लेते है।
तुझे प्यार भी तेरी औकात से ज्यादा किया था,
अब बात नफरत की है तो नफरत ही सही।