प्यार किया बदनाम हो गए,
चर्चे हमारे सरेआम हो गए,
ज़ालिम ने दिल उस वक़्त तोडा,
जब हम उसके गुलाम हो गए।
तेरी नफरत को मैने प्यार समझ कर अपनाया है,
प्यार से ही नफरत खत्म होता है, तूने ही तो समझाया है।
एहसास बदल जाते है बस और कुछ नहीं,
वरना नफरत और मोहब्बत एक ही दिल में होती है।
जो तुम न मिले होते तो बेहतर होता,
खामखाह मोहब्बत से नफ़रत सी हो गई।
नफ़रत की बाजार में हम मोहब्बत बेचते है,
कीमत के नाम पे सिर्फ़ दुआ लेते है।
मुझसे नफरत की अजब राह निकली उसने,
हँसता बसता दिल कर दिया खाली उसने,
मेरे घर की रिवायत से वोह खूब था वाकिफ,
जुदाई माँग ली बन के सवाली उसने।
उसकी नफरतो को धार किसने दी,
मोहब्बत के हाथों तलवार किसने दी।
नफरत से होने लगी है मोहब्बत से अब,
ज़िन्दगी कही तो पहुचा दे, खत्म होने से पहले।
नही हो अब तुम हिस्सा मेरी किसी हसरत के,
तुम बस काबिल हो बस मेरी नफरत के।
न जाने किस शख़्स का इंतज़ार हमे आज भी है,
सुकून तो बहोत है पर दिल बेक़रार आज भी है,
तुमने हमे नफरतों के सिवा कुछ नहीं दिया लेकिन,
हमें तुम्हारी नफरतों से प्यार आज भी है।
नफरत थी हमसे तो इज़हार क्यों किया,
देना था ज़हर तो प्यार क्यों किया,
देकर ज़हर कहते हो पीना ही होगा और,
जब पी गए ज़हर तो कहते हो अब जीना ही होगा।
ज़िन्दगी से नफरत किसे होती है,
मरने कि चाहत किसे होती है,
प्यार भी एक इतेफा़क होता है,
वरना आँसूओ से मोहब्बत किसे होती है।
कुछ लोग हमारी नफरत के काबिल भी ना होते,
और हम उन पर अपनी मोहब्बत जाया कर देते है।
मेरी ज़िन्दगी को एक तमाशा बना दिया उसने,
भरी महफ़िल मे तनहा बिठा दिया उसने,
ऐसी क्या थी नफरत उसको मेरे मासूम दिल से,
खुशिया चुरा कर गम थमा दिया उसने।
नफरत कभी न करना तुम हमसे
ये हम सह नहीं पायेंगे,
एक बार कह देना हमसे ज़रूरत नहीं अब तुम्हारी
तुम्हारी दुनिया से हसकर चले जायेंगे।
तुझे प्यार भी तेरी औकात से ज्यादा किया था,
अब बात नफरत की है तो नफरत ही सही।
अजीब सी आदत और गज़ब की फितरत है मेरी,
मोहब्बत हो कि नफरत हो बहुत शिद्दत से करता हू।
तूने जो किया गुनाह हम तुझे माफ़ न करेंगे,
अगर मिल भी गए किसी और जनम में
हम तब भी तुझसे नफरत ही करेंगे।
उसने नफ़रत से जो देखा है तो याद आया,
कितने रिश्ते उसकी ख़ातिर यूँ ही तोड़ आया हूँ,
कितने धुंधले हैं ये चेहरे जिन्हें अपनाया है,
कितनी उजली थी वो आँखें जिन्हें छोड़ आया हूँ।
धोखा देकर ऐसे चले गए
जैसे कभी जानते ही नहीं थे,
अब ऐसे नफरत जताते हो
जैसे प्यार को मानते ही नहीं थे।