दिल पर ना मेरे यू वार कीजिए,
छोड़ो ये नफरत थोड़ा प्यार कीजिए,
तड़पते हैं जिस कदर तेरे प्यार में हम,
कभी खुद को भी उस कदर बेक़रार कीजिए।
मोहब्बत करो तो हद से ज्यादा,
और नफरत करो तो उससे भी ज्यादा।
उसकी नफरतो को धार किसने दी,
मोहब्बत के हाथों तलवार किसने दी।
नफरते लाख मिली पर मोहब्बत ना मिली,
ज़िन्दगी बीत गयी मगर राहत ना मिली।
मैं फना हो गया अफसोस वो बदला भी नहीं,
मेरी चाहतें से भी सच्ची रही नफरत उसकी।
कुछ लोग हमारी नफरत के काबिल भी ना होते,
और हम उन पर अपनी मोहब्बत जाया कर देते है।
मोहब्बत की तूने वो मिसाल दी है,
मैं नफरतों के सिवा कुछ कर नहीं सकता।
तेरी नफरत को मैने प्यार समझ कर अपनाया है,
प्यार से ही नफरत खत्म होता है, तूने ही तो समझाया है।
उसने नफ़रत से जो देखा है तो याद आया,
कितने रिश्ते उसकी ख़ातिर यूँ ही तोड़ आया हूँ,
कितने धुंधले हैं ये चेहरे जिन्हें अपनाया है,
कितनी उजली थी वो आँखें जिन्हें छोड़ आया हूँ।
नफ़रत की बाजार में हम मोहब्बत बेचते है,
कीमत के नाम पे सिर्फ़ दुआ लेते है।