एहसास बदल जाते है बस और कुछ नहीं,
वरना नफरत और मोहब्बत एक ही दिल में होती है।
मोहब्बत करो तो हद से ज्यादा,
और नफरत करो तो उससे भी ज्यादा।
मुझसे नफरत की अजब राह निकली उसने,
हँसता बसता दिल कर दिया खाली उसने,
मेरे घर की रिवायत से वोह खूब था वाकिफ,
जुदाई माँग ली बन के सवाली उसने।
उसकी नफरतो को धार किसने दी,
मोहब्बत के हाथों तलवार किसने दी।
नही हो अब तुम हिस्सा मेरी किसी हसरत के,
तुम बस काबिल हो बस मेरी नफरत के।
मोहब्बत की तूने वो मिसाल दी है,
मैं नफरतों के सिवा कुछ कर नहीं सकता।
वो इंकार करते है इकरार के लिए,
नफरत करते है तो प्यार के लिए,
उलटी चाल चलते हैं ये इश्क़ वाले,
आँखें बंद करते है दीदार के लिए।
नफ़रत सिखा दी है तुमने मुझको प्यार से,
भरोसा उठ गया है मेरा ऐतबार से।
न जाने किस शख़्स का इंतज़ार हमे आज भी है,
सुकून तो बहोत है पर दिल बेक़रार आज भी है,
तुमने हमे नफरतों के सिवा कुछ नहीं दिया लेकिन,
हमें तुम्हारी नफरतों से प्यार आज भी है।
मैं फना हो गया अफसोस वो बदला भी नहीं,
मेरी चाहतें से भी सच्ची रही नफरत उसकी।