जब नफरत करते करते थक जाओ,
तब एक मौका प्यार को भी दे देना।
अपनी रंगीनियों से तुम मुझको दूर ही रखो,
कहीं ऐसा न हो कि मुझको तुमसे नफ़रत सी हो जाए।
मुझसे नफरत की अजब राह निकली उसने,
हँसता बसता दिल कर दिया खाली उसने,
मेरे घर की रिवायत से वोह खूब था वाकिफ,
जुदाई माँग ली बन के सवाली उसने।
न मोहब्बत संभाली गई, न नफरतें पाली गईं,
अफसोस है उस जिंदगी का, जो तेरे पीछे खाली गई।
कुछ इस अदा से निभाना है
किरदार मेरा मुझको,
जिन्हें मुहब्बत ना हो मुझसे वो
नफरत भी ना कर सके।
मोहब्बत जब नफरत में बदल जाये
तो बहुत कुछ बर्बाद कर देती है,
हर सपना टूट जाता है
और यह कभी ना भरने वाला जख्म देती है।
गलत जिंदगी नहीं, गलत लोग है,
नफरत भरी दुनिया नहीं, नफरत भरे लोग है।
दिल टुटना लाज़मी था इस शहर में,
जहाँ हर कोई दिल में नफरत लिये चलता है।
उसने नफ़रत से जो देखा है तो याद आया,
कितने रिश्ते उसकी ख़ातिर यूँ ही तोड़ आया हूँ,
कितने धुंधले हैं ये चेहरे जिन्हें अपनाया है,
कितनी उजली थी वो आँखें जिन्हें छोड़ आया हूँ।
हम से प्यार करो या नफरत
वो तुम्हारे इरादे की बात है,
प्यार करोंगे तो दिल में रहोगे
लेकिन नफरत करोंगे तो दिमाग में।
तेरे हर एक अक्स से नफरत होने लगी,
कुछ इस कदर हमें खुद से मोहब्बत होने लगी।
नफरत से होने लगी है इस सफर से अब,
ज़िन्दगी कही तो पहुचा दे खत्म होने से पहले।
लेकर के मेरा नाम वो मुझे कोसता है,
नफरत ही सही पर वो मुझे सोचता तो है।
कोई तो वजह होगी
बेवजह कोई नफरत नहीं करता,
हम तो उनके दिल की समझते है
वो हमें समझने की कोशिश नहीं करता।
कभी उसने भी हमें चाहत का पैगाम लिखा था,
सब कुछ उसने अपना हमारे नाम लिखा था,
सुना है आज उनको हमारे जिक्र से भी नफ़रत है,
जिसने कभी अपने दिल पर हमारा नाम लिखा था।
सोच-समझ कर नफरत करना,
जिंदगी की गाडी कही रुक न जाये,
और तुम्हारी ये नफरत
कही इसकी वजह न बन जाये।
खुदा सलामत रखना उन्हें
जो हमसे नफरत करते है,
प्यार ना सही नफरत ही सही
कुछ तो है जो सिर्फ हमसे करते है।
तुम्हारा नाम अब तक लेता हूँ क्यूंकि,
प्यार है अब तलक,
जिस दिन मेरी जुबां पे तेरा नाम न आये,
समझ जाना कि, नफ़रत हो गयी है तुझसे।
कभी-कभी मोहब्बत का आगाज नफरत से हीं होता है,
क्योंकि हर बार प्यार के आने का अलग अंदाज होता है।
किसी को नफरत हैं मुझसे और कोई प्यार कर बैठा,
किसी को यकिन नहीं मेरा और कोई एतवार कर बैठा।