प्यार में बेवफ़ाई मिले तो गम ना करना।
अपनी आँखें किसी के लिए नम न करना।
वो चाहे लाख नफरते करे तुझसे।
पर तुम अपना प्यार कभी उसके लिए कम मत करना।
उसने नफ़रत से जो देखा है तो याद आया,
कितने रिश्ते उसकी ख़ातिर यूँ ही तोड़ आया हूँ,
कितने धुंधले हैं ये चेहरे जिन्हें अपनाया है,
कितनी उजली थी वो आँखें जिन्हें छोड़ आया हूँ।
तूने जो किया गुनाह
हम तुझे माफ़ न करेंगे,
अगर मिल भी गए किसी और जनम में
हम तब भी तुझसे नफरत ही करेंगे।
अगर इतनी ही नफरत है हमसे
तो दिल से कुछ ऐसी दुआ करो,
की आज ही तुम्हारी दुआ भी पूरी हो जाये
और हमारी ज़िन्दगी भी।
जो लोग कहते है कि उन्हें प्यार से बहुत नफरत है,
ये वही लोग है जिन्हें प्यार में सिर्फ नफरत ही मिलती है।
नफरत हो दिल में तो मिलने का मजा नहीं आता है,
वो आज भी मिलता हैं पर दिल कही और छोड़ आता है,
कुछ इस अदा से निभाना है
किरदार मेरा मुझको,
जिन्हें मुहब्बत ना हो मुझसे वो
नफरत भी ना कर सके।
कोई तो हाल-ए-दिल अपना भी समझेगा,
हर शख्स को नफरत हो जरूरी तो नहीं।
हम से प्यार करो या नफरत
वो तुम्हारे इरादे की बात है,
प्यार करोंगे तो दिल में रहोगे
लेकिन नफरत करोंगे तो दिमाग में।
गलत जिंदगी नहीं, गलत लोग है,
नफरत भरी दुनिया नहीं, नफरत भरे लोग है।
दुश्मन भी पेश आए है दिलदार की तरह,
नफ़रत मिली है उनसे सच्चे प्यार की तरह,
दुश्मन भी हो गए है मसीहा सिफ़त जमाल,
मिलते है टूट कर वो गले, पुराने यार की तरह।
किसी को नफरत हैं मुझसे और कोई प्यार कर बैठा,
किसी को यकिन नहीं मेरा और कोई एतवार कर बैठा।
नफरत एक बहुत बड़ा रोग है
इसलिए दुआ है,
जो भी मुझसे नफरत करते है
वो जल्द ही ठीक हो जाये।
नफरत से होने लगी है इस सफर से अब,
ज़िन्दगी कही तो पहुचा दे खत्म होने से पहले।
तुम्हारा नाम अब तक लेता हूँ क्यूंकि,
प्यार है अब तलक,
जिस दिन मेरी जुबां पे तेरा नाम न आये,
समझ जाना कि, नफ़रत हो गयी है तुझसे।
तेरे हर एक अक्स से नफरत होने लगी,
कुछ इस कदर हमें खुद से मोहब्बत होने लगी।
जिसकी अहंकार पुरखो कि कमाई पर पले है,
आज वो हमसे नफरत कि लड़ाई जितने चले है।
मोहब्बत जब नफरत में बदल जाये
तो बहुत कुछ बर्बाद कर देती है,
हर सपना टूट जाता है
और यह कभी ना भरने वाला जख्म देती है।
कभी-कभी मोहब्बत का आगाज नफरत से हीं होता है,
क्योंकि हर बार प्यार के आने का अलग अंदाज होता है।
झूठी नफरत को जताना छोड़ दे,
भिगों के खत मेरा जलाना छोड़ दे।