माँ ने सिखाया चीजो को सही जगह पर रखना,
और बाप ने सिखाया लोगो को उनकी औकात में रखना।
तेरी बदमाशी का सूरज चाहे जितना मर्जी बुलन्दी पर चमके,
हमारी हदों में चमका तो डूब जायेगा।
तजुर्बे ने शेर को खामोश रहना सिखाया,
क्यूंकि दहाड़ कर कभी शिकार नहीं किया जाता।
ख़ौफ़ और खून हमेशा आँखों में रखो क्योंकि,
हथियारों से सिर्फ दुश्मनो की हड्डिया टूटती है, हौसले नहीं।
हम किसी का भी कर्ज़ नही रखा करते हैं,
एक सुनते है और दो सुना दिया करते हैं।
इस धरती से से उस अंबर तक दो ही चीज मशहूर है,
एक तो मेरा दीवानापन, दूसरा मेरा भोलापन।
जो बेहतर होते है उन्हें इनाम मिलता है,
जो बेहतरीन होते है उनके नाम पर इनाम होता है।
उस जगह पर हमेशा खामोश रहना,
जहाँ दो कौड़ी की लोग अपनी हैसियत के गुण गाते है।
बेवक़्त, बेवजह, बेहिसाब मुस्कुरा देता हूँ,
आधे दुश्मनो को तो यूँ ही हरा देता हूँ।
तूफ़ान में ताश के महल नहीं बनते,
रोने से बिगड़े मुकद्दर नहीं बनते,
सारी दुनिया को जीतने का दम रख ऐ बन्दे,
क्यूंकि एक हार से लोग फ़कीर,
और एक जीत से सिकंदर नहीं बनते।