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Home Hate Shayari in Hindi & English Hate Shayari in Hindi - हेट शायरी इन हिंदी

बैठकर सोचते है कि हमने क्या पाया

बैठकर सोचते है कि हमने क्या पायाबैठकर सोचते है कि हमने क्या पाया,
उनकी नफरत ने तोड़े है मेरे कई वफ़ा के घर।

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जिसकी अहंकार पुरखो कि कमाई पर पले हैजिसकी अहंकार पुरखो कि कमाई पर पले है,
आज वो हमसे नफरत कि लड़ाई जितने चले है।

नफरत हो दिल में तो मिलने का मजा नहीं आता हैनफरत हो दिल में तो मिलने का मजा नहीं आता है,
वो आज भी मिलता हैं पर दिल कही और छोड़ आता है,

प्यार में बेवफ़ाई मिले तो गम ना करनाप्यार में बेवफ़ाई मिले तो गम ना करना।
अपनी आँखें किसी के लिए नम न करना।
वो चाहे लाख नफरते करे तुझसे।
पर तुम अपना प्यार कभी उसके लिए कम मत करना।

नफरत एक बहुत बड़ा रोग है इसलिए दुआ हैनफरत एक बहुत बड़ा रोग है
इसलिए दुआ है,
जो भी मुझसे नफरत करते है
वो जल्द ही ठीक हो जाये।

जो लोग कहते है कि उन्हें प्यार से बहुत नफरत हैजो लोग कहते है कि उन्हें प्यार से बहुत नफरत है,
ये वही लोग है जिन्हें प्यार में सिर्फ नफरत ही मिलती है।

खुदा सलामत रखना उन्हें जो हमसे नफरत करते हैखुदा सलामत रखना उन्हें
जो हमसे नफरत करते है,
प्यार ना सही नफरत ही सही
कुछ तो है जो सिर्फ हमसे करते है।

अपनी रंगीनियों से तुम मुझको दूर ही रखोअपनी रंगीनियों से तुम मुझको दूर ही रखो,
कहीं ऐसा न हो कि मुझको तुमसे नफ़रत सी हो जाए।

नफ़रत हो जायेगी तुझे अपने ही किरदार सेनफ़रत हो जायेगी तुझे अपने ही किरदार से,
अगर मैं तेरे ही अंदाज में तुझसे बात करुं।

कोई तो वजह होगी बेवजह कोई नफरत नहीं करताकोई तो वजह होगी
बेवजह कोई नफरत नहीं करता,
हम तो उनके दिल की समझते है
वो हमें समझने की कोशिश नहीं करता।

उसने नफ़रत से जो देखा है तो याद आयाउसने नफ़रत से जो देखा है तो याद आया,
कितने रिश्ते उसकी ख़ातिर यूँ ही तोड़ आया हूँ,
कितने धुंधले हैं ये चेहरे जिन्हें अपनाया है,
कितनी उजली थी वो आँखें जिन्हें छोड़ आया हूँ।

कोई तो हाल-ए-दिल अपना भी समझेगाकोई तो हाल-ए-दिल अपना भी समझेगा,
हर शख्स को नफरत हो जरूरी तो नहीं।

इतनी शिद्दत से तो वो ही नफ़रत कर सकता हैइतनी शिद्दत से तो वो ही नफ़रत कर सकता है,
जिसने उतनी ही शिद्दत से सच्चा प्यार किया हो।

दुश्मन भी पेश आए है दिलदार की तरहदुश्मन भी पेश आए है दिलदार की तरह,
नफ़रत मिली है उनसे सच्चे प्यार की तरह,
दुश्मन भी हो गए है मसीहा सिफ़त जमाल,
मिलते है टूट कर वो गले, पुराने यार की तरह।

तेरे हर एक अक्स से नफरत होने लगीतेरे हर एक अक्स से नफरत होने लगी,
कुछ इस कदर हमें खुद से मोहब्बत होने लगी।

लेकर के मेरा नाम वो मुझे कोसता हैलेकर के मेरा नाम वो मुझे कोसता है,
नफरत ही सही पर वो मुझे सोचता तो है।

नफरत कभी न करना तुम हमसे ये हम सह नहीं पायेंगेनफरत कभी न करना तुम हमसे
ये हम सह नहीं पायेंगे,
एक बार कह देना हमसे ज़रूरत नहीं अब तुम्हारी
तुम्हारी दुनिया से हसकर चले जायेंगे।

झूठी नफरत को जताना छोड़ देझूठी नफरत को जताना छोड़ दे,
भिगों के खत मेरा जलाना छोड़ दे।

मुझसे नफरत की अजब राह निकली उसनेमुझसे नफरत की अजब राह निकली उसने,
हँसता बसता दिल कर दिया खाली उसने,
मेरे घर की रिवायत से वोह खूब था वाकिफ,
जुदाई माँग ली बन के सवाली उसने।

बैठकर सोचते है कि हमने क्या पायाबैठकर सोचते है कि हमने क्या पाया,
उनकी नफरत ने तोड़े है मेरे कई वफ़ा के घर।

दिल टुटना लाज़मी था इस शहर मेंदिल टुटना लाज़मी था इस शहर में,
जहाँ हर कोई दिल में नफरत लिये चलता है।


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