मिलना बिछड़ना सब किस्मत का खेल है,
कभी नफरत तो कभी दिलो का मेल है,
बिक जाता हैं हर रिश्ता दुनियां में,
सिर्फ दोस्ती का यहा नाँट पर सेल है।
जो लोग कहते है कि उन्हें प्यार से बहुत नफरत है,
ये वही लोग है जिन्हें प्यार में सिर्फ नफरत ही मिलती है।
नफरत एक बहुत बड़ा रोग है
इसलिए दुआ है,
जो भी मुझसे नफरत करते है
वो जल्द ही ठीक हो जाये।
नफरत कभी न करना तुम हमसे
ये हम सह नहीं पायेंगे,
एक बार कह देना हमसे ज़रूरत नहीं अब तुम्हारी
तुम्हारी दुनिया से हसकर चले जायेंगे।
नफ़रत हो जायेगी तुझे अपने ही किरदार से,
अगर मैं तेरे ही अंदाज में तुझसे बात करुं।
अपनी नफरतों पे मैं इक किताब लिखूँगा,
तेरे सारे ज़ुल्मों का हिसाब लिखूँगा।
तूने जो किया गुनाह
हम तुझे माफ़ न करेंगे,
अगर मिल भी गए किसी और जनम में
हम तब भी तुझसे नफरत ही करेंगे।
मोहब्बत हो या नफरत हो, दिल की बात,
कहीं ना कहीं साफ झलक हीं जाती है।
उसने नफ़रत से जो देखा है तो याद आया,
कितने रिश्ते उसकी ख़ातिर यूँ ही तोड़ आया हूँ,
कितने धुंधले हैं ये चेहरे जिन्हें अपनाया है,
कितनी उजली थी वो आँखें जिन्हें छोड़ आया हूँ।
नफरत हो दिल में तो मिलने का मजा नहीं आता है,
वो आज भी मिलता हैं पर दिल कही और छोड़ आता है,