हम तेरी गली में आएंगे कोई रोक के दिखाए,
हम मोहब्बत भी तुझी से करेंगे, साला कोई टोक के दिखाये।
मुश्किलें जरूर है मगर ठहरा नहीं हूँ मै,
मंजिल से ज़रा कह दो अभी पहुँचा नहीं हूँ मै।
तूफ़ान में ताश के महल नहीं बनते,
रोने से बिगड़े मुकद्दर नहीं बनते,
सारी दुनिया को जीतने का दम रख ऐ बन्दे,
क्यूंकि एक हार से लोग फ़कीर,
और एक जीत से सिकंदर नहीं बनते।
तेरी बदमाशी का सूरज चाहे जितना मर्जी बुलन्दी पर चमके,
हमारी हदों में चमका तो डूब जायेगा।
तुम गर्दन झुकाने की बात करते हो,
हम वो है जो आँख उठाने वालो की गर्दन प्रसाद में बाट देते हैं।
माँ ने सिखाया चीजो को सही जगह पर रखना,
और बाप ने सिखाया लोगो को उनकी औकात में रखना।
बात संस्कार और आदर की होती है,
वरना जो सुन सकता है, वो सुना भी सकता है।
पैदा तो में भी शरीफ हुआ था,
पर शराफत से अपनी कभी नही बनी।
कुछ लोग मिलके कर रहे है मेरी बुराई।
तुम बेटे इतने सारे और मै अकेला मचा रहा हूँ तबाही।
कहते है हर बात जुबां से, हम इशारा नहीं करते,
आसमां पर चलने वाले, जमीं से गुज़ारा नहीं करते,
हर हालात बदलने की हिम्मत है हम में,
वक़्त का हर फैसला हम गँवारा नहीं करते।