डरपोक है वो लोग जो Online नहीं आते,
साला जिगर चाहिए, टाइम बरबाद करने के।
ख़ौफ़ और खून हमेशा आँखों में रखो क्योंकि,
हथियारों से सिर्फ दुश्मनो की हड्डिया टूटती है, हौसले नहीं।
अगर फितरत हमारी सेहने की ना होती,
तो हिम्मत तुम्हारी कुछ कहने की ना होती।
हाथ में खंज़र ही नहीं, आँखों में पानी भी चाहिए।
मुझे दुश्मन भी, थोड़ा खानदानी चाहिए।
हथियार तो शौक के लिए रखे जाते हैं,
खौफ के लिए तो आँखें ही काफी हैं।
सनम तेरी नफरत में वो दम नहीं,
जो मेरी चाहत को मिटा दे,
ये महोब्बत है कोई खेल नहीं,
जो आज हंस के खेल और कल रो के भुला दिया।
उस जगह पर हमेशा खामोश रहना,
जहाँ दो कौड़ी की लोग अपनी हैसियत के गुण गाते है।
तूफ़ान में ताश के महल नहीं बनते,
रोने से बिगड़े मुकद्दर नहीं बनते,
सारी दुनिया को जीतने का दम रख ऐ बन्दे,
क्यूंकि एक हार से लोग फ़कीर,
और एक जीत से सिकंदर नहीं बनते।
हम तेरी गली में आएंगे कोई रोक के दिखाए,
हम मोहब्बत भी तुझी से करेंगे, साला कोई टोक के दिखाये।
इस धरती से से उस अंबर तक दो ही चीज मशहूर है,
एक तो मेरा दीवानापन, दूसरा मेरा भोलापन।