कुछ लोग मिलके कर रहे है मेरी बुराई।
तुम बेटे इतने सारे और मै अकेला मचा रहा हूँ तबाही।
जिन तूफानों में लोगो के झोपड़े उड़ जाते है,
उन तूफानों में तो हम कपड़े सुखाते हैं।
कहते है हर बात जुबां से, हम इशारा नहीं करते,
आसमां पर चलने वाले, जमीं से गुज़ारा नहीं करते,
हर हालात बदलने की हिम्मत है हम में,
वक़्त का हर फैसला हम गँवारा नहीं करते।
हम तेरी गली में आएंगे कोई रोक के दिखाए,
हम मोहब्बत भी तुझी से करेंगे, साला कोई टोक के दिखाये।
अच्छी नज़र से देखों तो मुझमे भी संस्कार मिलेंगे,
वरना जुते और लात मिलेंगे।
अखबार वाला भी हजार बार सोच कर ये खबर छापता है,
क्यों कि मिया भाई से तो सारा शहर कांपता है।
मेरा दिल तोड़ने से पहले मेरे दोस्तो के तरफ देख लेना,
कहीं ऐसा ना हो बिन पैरों घुंघरु मुजरा करना पड़े।
उस जगह पर हमेशा खामोश रहना,
जहाँ दो कौड़ी की लोग अपनी हैसियत के गुण गाते है।
दुनियादारी की चादर ओढ़ी है,
पर जिस दिन दिमाग सटका ना,
इतिहास तो इतिहास, भूगोल भी बदल देंगे।
डरपोक है वो लोग जो Online नहीं आते,
साला जिगर चाहिए, टाइम बरबाद करने के।