जली को आग और बुझी को राख कहते है,
और जिसका status तुम पढ़ रहे हो,
उसे Attitude का बाप कहते है।
खुशबू बनकर गुलों से उड़ा करते हैं,
धुआं बनकर पर्वतों से उड़ा करते हैं,
हमें क्या रोकेंगे ये ज़माने वाले,
हम परों से नहीं हौसलों से उड़ा करते हैं।
दुनियादारी की चादर ओढ़ी है,
पर जिस दिन दिमाग सटका ना,
इतिहास तो इतिहास, भूगोल भी बदल देंगे।
सनम तेरी नफरत में वो दम नहीं,
जो मेरी चाहत को मिटा दे,
ये महोब्बत है कोई खेल नहीं,
जो आज हंस के खेल और कल रो के भुला दिया।