तूफ़ान में ताश के महल नहीं बनते,
रोने से बिगड़े मुकद्दर नहीं बनते,
सारी दुनिया को जीतने का दम रख ऐ बन्दे,
क्यूंकि एक हार से लोग फ़कीर,
और एक जीत से सिकंदर नहीं बनते।
उस जगह पर हमेशा खामोश रहना,
जहाँ दो कौड़ी की लोग अपनी हैसियत के गुण गाते है।
रहते हैं आस-पास ही लेकिन साथ नहीं होते,
कुछ लोग जलते हैं मुझसे बस खाक नहीं होते।
ख़ौफ़ और खून हमेशा आँखों में रखो क्योंकि,
हथियारों से सिर्फ दुश्मनो की हड्डिया टूटती है, हौसले नहीं।
Style ऐसा करो की दुनिया देखती जाये,
और यारी ऐसी करो की दुनिया जलती जाये।
तुम गर्दन झुकाने की बात करते हो,
हम वो है जो आँख उठाने वालो की गर्दन प्रसाद में बाट देते हैं।
हम आज भी अपने हुनर मे दम रखते है,
होश उड़ जाते है लोगो के जब हम कदम रखते है।
बात संस्कार और आदर की होती है,
वरना जो सुन सकता है, वो सुना भी सकता है।
भाई बोलने का हक़ मैंने सिर्फ दोस्तों को दिया है,
वरना दुश्मन तो आज भी हमें बाप के नाम से पहचानते हैं।
सुन बेटा अभी तेरा खेलने का दिन हैं,
दुश्मनी करने का नहीं।
तूफ़ान में ताश के महल नहीं बनते,
रोने से बिगड़े मुकद्दर नहीं बनते,
सारी दुनिया को जीतने का दम रख ऐ बन्दे,
क्यूंकि एक हार से लोग फ़कीर,
और एक जीत से सिकंदर नहीं बनते।
जहाँ से तेरी बदमाशी ख़तम होती हैं,
वह से मेरी नवाबी शुरू होती हैं।
रेस वो लोग लगाते है, जिसे अपनी किस्मत आजमानी हो,
हम तो वो खिलाडी है, जो अपनी किस्मत के साथ खेलते है।
कहते है हर बात जुबां से, हम इशारा नहीं करते,
आसमां पर चलने वाले, जमीं से गुज़ारा नहीं करते,
हर हालात बदलने की हिम्मत है हम में,
वक़्त का हर फैसला हम गँवारा नहीं करते।
जिन तूफानों में लोगो के झोपड़े उड़ जाते है,
उन तूफानों में तो हम कपड़े सुखाते हैं।
खुशबू बनकर गुलों से उड़ा करते हैं,
धुआं बनकर पर्वतों से उड़ा करते हैं,
हमें क्या रोकेंगे ये ज़माने वाले,
हम परों से नहीं हौसलों से उड़ा करते हैं।
इस धरती से से उस अंबर तक दो ही चीज मशहूर है,
एक तो मेरा दीवानापन, दूसरा मेरा भोलापन।
हाथ में खंज़र ही नहीं, आँखों में पानी भी चाहिए।
मुझे दुश्मन भी, थोड़ा खानदानी चाहिए।
कुछ लोग हमारी हैसियत पूछने लगे,
उनकी शख्सियत बिक जाए इतनी हैसियत है हमारी।
मेरी हिम्मत को परखने की गुस्ताखी न करना,
पहले भी कई तूफानों का रुख मोड़ चुका हूं।
झूठी शान के परिंदे ही ज्यादा फड़फड़ाते हैं,
बाज़ की उडान में कभी आवाज़ नहीं होती।