मुझे दुश्मन से भी ख़ुद्दारी की उम्मीद रहती है,
किसी का भी हो सर क़दमों में अच्छा नहीं लगता।
अभी उसके लौट आने की उम्मीद बाकी है,
किस तरह से मैं अपनी आँखें मूँद लूँ।
उम्मीद की कश्ती को डुबाया नहीं करते,
साहिल अगर दूर हो तो रोया नहीं करते,
जो रखते हैं दिल में हौसला,
वो जिन्दगी में कुछ खोया नहीं करते ।
उम्मीद खुद से रखो कभी औरों से नहीं,
यहां खुद के सिवा कोई किसी का नहीं।
उम्मीद वक्त का सबसे बड़ा सहारा है,
गर हौसला है तो हर मौज में किनारा है।
तुम भुला दो मुझे ये तुम्हारी अपनी हिम्मत है,
पर मुझसे तुम ये उम्मीद जिन्दगी भर मत रखना।
कभी बादल,कभी बारिश,कभी उम्मीद के झरने,
तेरे अहसास ने छू कर मुझे क्या-क्या बना डाला।
करीब इतना रहो कि रिश्तों में प्यार रहे,
दूर भी इतना रहो कि आने का इंतज़ार रहे,
रखो उम्मीद रिश्तों के दरमियान इतनी,
कि टूट जाये उम्मीद मगर रिश्ते बरक़रार रहें।
हौसले के तरकश में,
कोशिश का वो तीर ज़िंदा रखो,
हार जाओ चाहे जिन्दगी मे सब कुछ,
मगर फिर से जीतने की उम्मीद ज़िंदा रखो।
इतना भी मत रुठ मुझसे,
कि तुझे मनाने की उम्मीद ही खत्म हो जाए।