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उलझनों और कश्मकश में उम्मीद की ढाल लिए बैठै हैं

उलझनों और कश्मकश में उम्मीद की ढाल लिए बैठै हैंउलझनों और कश्मकश में उम्मीद की ढाल लिए बैठै हैं,
ए जिंदगी, तेरी हर चाल के लिए हम दो चाल लिए बैठे हैं।

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करीब इतना रहो कि रिश्तों में प्यार रहेकरीब इतना रहो कि रिश्तों में प्यार रहे,
दूर भी इतना रहो कि आने का इंतज़ार रहे,
रखो उम्मीद रिश्तों के दरमियान इतनी,
कि टूट जाये उम्मीद मगर रिश्ते बरक़रार रहें।

बुरे वक्त में किसी से कोई उम्मीद मत रखोबुरे वक्त में किसी से कोई उम्मीद मत रखो,
क्योकिं समझौते शेर को भी कुत्ता बना देते हैं।

उम्मीद न रखना किसी से सच्चे प्यार कीउम्मीद न रखना किसी से सच्चे प्यार की,
बहुत प्यार से धोखा देते हैं, शिद्दत से चाहने वाले।

जब जब आपसे मिलने की उम्मीद नजर आईजब जब आपसे मिलने की उम्मीद नजर आई,
मेरे पैरों में जंजीर नजर आई,
गिर पड़े आंसू आंखों के,
और हर आंसू में आपकी तस्वीर नजर आई।

दूर हो के तुमसे ज़िंदगी सज़ा सी लगती हैदूर हो के तुमसे ज़िंदगी सज़ा सी लगती है,
यह साँसे भी जैसे मुझसे नाराज सी लगती हैं,
अगर उम्मीद-ए-वफ़ा करूँ तो किस से करूँ,
मुझ को तो मेरी ज़िंदगी भी बेवफ़ा लगती है।

इस दिल की उम्मीदों का हौसला तो देखो दोस्तोइस दिल की उम्मीदों का हौसला तो देखो दोस्तो,
इंतज़ार भी उसका है जिसे मेरा एहसास तक नहीं।

अभी उसके लौट आने की उम्मीद बाकी हैअभी उसके लौट आने की उम्मीद बाकी है,
किस तरह से मैं अपनी आँखें मूँद लूँ।

अभी कुछ वक्त बाकी है अभी उम्मीद कायम हैअभी कुछ वक्त बाकी है, अभी उम्मीद कायम है,
कहीं से लौट आओ तुम, मोहब्बत सांस लेती है।

उम्मीद ऐसी हो जो मंजिल तक ले जायेउम्मीद ऐसी हो जो मंजिल तक ले जाये,
मंजिल ऐसी हो जो जीना सिखलाये,
जीना ऐसा हो जो रिश्तों की कदर करे,
रिश्ते ऐसे हों जो याद करने को मजबूर करें।

यहाँ रोटी नही उम्मीद सबको जिंदा रखती हैयहाँ रोटी नही “उम्मीद” सबको जिंदा रखती है,
जो सड़कों पर भी सोते हैं ,सिरहाने ख्वाब रखते हैं।

अभी तक है उसके लौट के आने की उम्मीदअभी तक है उसके लौट के आने की उम्मीद,
अभी तक ठहरी है ज़िंदगी अपनी जगह,
लाख ये चाहा कि उसे भूल जाऊं पर,
हौंसले अपनी जगह, बेबसी अपनी जगह।

वो उम्मीद ना कर मुझसे जिसके मैं काबिल नहींवो उम्मीद ना कर मुझसे जिसके मैं काबिल नहीं,
खुशियाँ मेरे नसीब में नहीं और यूँ बस,
दिल रखने के लिए मुस्कुराना भी वाज़िब नहीं।

दिल सा दिल से दिल के पास रहे तूदिल सा, दिल से, दिल के पास रहे तू,
बस यही उम्मीद है के खास रहे तू।

उम्मीदों की आग जब हद से ज्यादा होउम्मीदों की आग जब हद से ज्यादा हो,
बुझती है, सिर्फ अश्कों की बारिश से।

सुना है हमने भी उम्मीद पे जीता है जमानासुना है हमने भी, उम्मीद पे जीता है जमाना,
क्या करे वो जिसकी कोई उम्मीद ही न हो।

तपती रेत पे दौड़ रहा है दरिया की उम्मीद लिएतपती रेत पे दौड़ रहा है दरिया की उम्मीद लिए,
सदियों से इन्सान का अपने आपको छलना जारी है।

ज़्यादा उम्मीद मत लगा इंसान ही तो हैज़्यादा उम्मीद मत लगा इंसान ही तो है,
थोड़ा फासला भी रख दुनिया ही तो है।

मुझे दुश्मन से भी ख़ुद्दारी की उम्मीद रहती हैमुझे दुश्मन से भी ख़ुद्दारी की उम्मीद रहती है,
किसी का भी हो सर क़दमों में अच्छा नहीं लगता।

उलझनों और कश्मकश में उम्मीद की ढाल लिए बैठै हैंउलझनों और कश्मकश में उम्मीद की ढाल लिए बैठै हैं,
ए जिंदगी, तेरी हर चाल के लिए हम दो चाल लिए बैठे हैं।

उम्मीद की किरण के सिवा कुछ नहीं यहाँउम्मीद की किरण के सिवा कुछ नहीं यहाँ,
इस घर में रौशनी का बस यही इंतज़ाम है।


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