जब भी मैं खुदा के पास जाया करता हूं,
उसे यही गुहार लगाया करता हूं,
ऐसा महबूब किसी को ना दे जो दिल तोड़ता है,
मुझसे ही अरदास किया करता हूं।
तूने तो मुझसे कभी प्यार ही नहीं किया,
मुझसे कभी इश्क का इजहार ही नहीं किया,
मैंने तुझसे की बेपनाह मोहब्बत और तूने,
दिल तोड़ने के सिवा और कुछ काम ही नहीं किया।
तेरी जहां मर्जी होती वहां जा सकते है,
अब तुम अपने हिसाब से जिंदगी जी सकती है,
मैंने तुझे आजाद कर दिया हर रिश्ते से,
अब तो मेरा दिल भी तोड़ हो सकती है।
आशिकी और मोहब्बत इनसे कुछ इस कदर हो गई थी,
उनके बिना नहीं रहने की हमें आदत हो गई थी,
हमने कितना चाहा उन्हें,
पर उन्हें फिर भी दिल तोड़ने की फितरत हो गई थी।
जाने क्या मुझसे यह ज़माना चाहता है,
मेरा दिल तोड़कर मुझे ही हसना चाहता है,
जाने क्या बात झलकती है मेरे चेहरे से,
हर शख्स मुझे आज़माना चाहता है।
हम तेरी मोहब्बत के सारे सबब जानते है,
हम तेरी मोहब्बत को अपना खुदा मानते है,
फिर क्यों तोड़ दिया तूने दिल हमारा,
जब हम सिर्फ तुझे ही चाहते है।
दिल तोड़ कर जाना ही था तो
मोहब्बत क्यों कि,
और जब यह रिश्ता निभाना ही नहीं था
तो फिर इतनी कसम क्यों दी।
जा दिल तोड़ने वाले हमने तुझे माफ किया,
हम तेरे पास हम नहीं आएंगे,
तू चाहे जिसके साथ रे,
हम तुझसे मोहब्बत नहीं निभाएंगे।
भूल जाने की आदत मेरी है नहीं,
और धोका की आदत है नहीं,
तूने दिल तोड़ दिया अगर मेरा,
तो मुझे भी तुझे याद करने की आदत है नहीं।
तू अपने आप में खुश रहे यही अच्छा है,
आप मुझसे बात ना करें यही अच्छा है,
दिल जब तोड़ दिया तूने तो,
तू किसी और के साथ रहे यही अच्छा है।