इस कदर मेरा दिल तोड़ कर तू चली गई,
मेरे सपनों की उम्मीदों को तोड़ कर चली गई,
मैंने तुझे समझा था अपनी जिंदगी,
तुम मुझसे ऐसे मुंह मोड़ कर चली गई।
तू अब चाहे जहां भी रहे
मुझे तुझसे कोई मतलब नहीं है,
दिल अगर तोड़ दिया तूने मेरा
तो मुझे भी तुझसे मोहब्बत नहीं है।
वह तो मुझसे कोई बदला निभा रही थी,
वह मुझसे कोई अधूरा किस्सा निभा रही थी,
उसने दिल मेरा तोड़ा ही था,
वह तो मुझे सिर्फ पागल बना रही थी।
इस टूटे दिल के टुकड़े अब जुड़ नहीं सकते,
लम्बे फैसले है अब उनसे हमारे,
अब उनकी तरफ हम फिर मुड़ नहीं सकते।
हर किसी से थक चुका हूं मैं,
अब मोहब्बत कर कर के थक चुका हूं मैं,
अब जिंदगी में आगे बढ़ना चाहता हूं,
दिल तोड़ने वालों से रिश्ता रख कर थक चुका हूं।
प्यार में उसके फना हो जाऊं,
जानता हूँ वो तोड़ेगी मेरे दिल को,
फिर भी में दुआ करता हूँ कि मैं,
उसका हो जाऊं।
तेरे इश्क में मुझे पागल बना दिया था,
मैं तेरी मोहब्बत में इस कदर खो चुका था,
तूने क्यों तोड़ दिया दिल मेरा,
जब मैं पूरी तरह से तेरा हो चुका था।
आशिकी और मोहब्बत इनसे कुछ इस कदर हो गई थी,
उनके बिना नहीं रहने की हमें आदत हो गई थी,
हमने कितना चाहा उन्हें,
पर उन्हें फिर भी दिल तोड़ने की फितरत हो गई थी।
दिल तोड़ मेरा मुस्कुराकर चले गए तुम,
अपने हर वादे का जनाजा निकाल गए तुम,
क्या खता थी हमारी ये तो बता जाते खुद से
ज्यादा भरोसा करने की सज़ा दे गए तुम।
शायद तू मेरे प्यार के काबिल था ही नहीं,
तभी मेरा दिल तोड़ कर चली गई,
और हम तड़पते है जिनको मैं नहीं मिलता,
और तू इस कदर मुंह मोड़ कर चली गई।