जब भी मैं खुदा के पास जाया करता हूं,
उसे यही गुहार लगाया करता हूं,
ऐसा महबूब किसी को ना दे जो दिल तोड़ता है,
मुझसे ही अरदास किया करता हूं।
तू अब चाहे जहां भी रहे
मुझे तुझसे कोई मतलब नहीं है,
दिल अगर तोड़ दिया तूने मेरा
तो मुझे भी तुझसे मोहब्बत नहीं है।
यह मत समझना किसी के दिल को तोड़ कर,
तुम सुखी हो जाओगे,
ता उम्र अपने ही गुनाहो को याद कर,
पछताओगे और जीते जी मर जाओगे।
दिल तोड़ने वालों को सजा क्यों नहीं मिलती,
हर किसी को प्यार में सफलता क्यों नहीं मिलती,
लोग कहते है इश्क तो बीमारी है,
तो फिर मेडिकल स्टोर में इसकी दवा क्यों नहीं मिलती।
जाने क्या मुझसे यह ज़माना चाहता है,
मेरा दिल तोड़कर मुझे ही हसना चाहता है,
जाने क्या बात झलकती है मेरे चेहरे से,
हर शख्स मुझे आज़माना चाहता है।
जा दिल तोड़ने वाले हमने तुझे माफ किया,
हम तेरे पास हम नहीं आएंगे,
तू चाहे जिसके साथ रे,
हम तुझसे मोहब्बत नहीं निभाएंगे।
दिल तोड़कर बात करते हो भुला देने की,
पहले साथ ज़ीने मरने के सपने दिखाते हो,
फिर बात करते हो दूर हो जाने की।
इस टूटे दिल के टुकड़े अब जुड़ नहीं सकते,
लम्बे फैसले है अब उनसे हमारे,
अब उनकी तरफ हम फिर मुड़ नहीं सकते।
दिल तोड़ कर हँसने वाले,
सितम बेवफाई का एक दिन कहर ढाएगा,
तू भी एक दिन टूट हुआ,
किसी महख़ाने में नज़र आएगा।
जिसका खुद का दिल पत्थर का हो,
वो अक्सर दुसरो का दिल तोडा करते है।
ऐसे लोगो से हमेशा दूर रहो साहब,
ये लोग सिर्फ प्यार करने का दिखावा करते है।