अब वफा की उम्मीद भी किस से करे भला,
मिटटी के बने लोग कागजो मे बिक जाते है।
जब जब आपसे मिलने की उम्मीद नजर आई,
मेरे पैरों में जंजीर नजर आई,
गिर पड़े आंसू आंखों के,
और हर आंसू में आपकी तस्वीर नजर आई।
बीते दिनों की भूली हुई बात की तरह,
आँखों में जागता है कोई रात की तरह,
उससे उम्मीद थी की निभाएगा साथ वो,
वो भी बदल गया मेरे हालात की तरह।
तेरे जहान में ऐसा नहीं कि प्यार न हो,
जहाँ उम्मीद हो इसकी वहाँ नहीं मिलता।
ना पूछना कैसे गुज़रता है पल भी तेरे बिना,
कभी देखने की हसरत में कभी मिलने की उम्मीद में।
पता है मैं हमेशा खुश क्यों रहता हूँ?
क्योंकि मैं खुद के सिवा किसी से कोई उम्मीद नहीं रखता।
दूर हो के तुमसे ज़िंदगी सज़ा सी लगती है,
यह साँसे भी जैसे मुझसे नाराज सी लगती हैं,
अगर उम्मीद-ए-वफ़ा करूँ तो किस से करूँ,
मुझ को तो मेरी ज़िंदगी भी बेवफ़ा लगती है।
यहाँ रोटी नही “उम्मीद” सबको जिंदा रखती है,
जो सड़कों पर भी सोते हैं ,सिरहाने ख्वाब रखते हैं।
उम्मीदें तैरती रहती हैं, कश्तियां डूब जाती हैं,
कुछ घर सलामत रहते हैं, आंधिया जब भी आती हैं,
बचा ले जो हर तूफां से, उसे “आस” कहते हैं,
बड़ा मज़बूत है ये धागा, जिसे “विश्वास” कहते है।
दिल ने एक उम्मीद बरकरार रखी है ऐ दोस्तों,
कही पढ़ लिया था कि सच्ची मोहब्बत लौटकर आती है।
बुरे वक्त में किसी से कोई उम्मीद मत रखो,
क्योकिं समझौते शेर को भी कुत्ता बना देते हैं।
उम्मीद की कश्ती को डुबाया नहीं करते,
साहिल अगर दूर हो तो रोया नहीं करते,
जो रखते हैं दिल में हौसला,
वो जिन्दगी में कुछ खोया नहीं करते ।
उम्मीद ऐसी हो जो मंजिल तक ले जाये,
मंजिल ऐसी हो जो जीना सिखलाये,
जीना ऐसा हो जो रिश्तों की कदर करे,
रिश्ते ऐसे हों जो याद करने को मजबूर करें।
उम्मीद वक्त का सबसे बड़ा सहारा है,
गर हौसला हो तो हर मौज में किनारा है,
रात तो वक्त की पाबंद है, ढल जायेगी,
देखना ये है कि चिरागों का सफर कितना है।
करीब इतना रहो कि रिश्तों में प्यार रहे,
दूर भी इतना रहो कि आने का इंतज़ार रहे,
रखो उम्मीद रिश्तों के दरमियान इतनी,
कि टूट जाये उम्मीद मगर रिश्ते बरक़रार रहें।
सुना है हमने भी, उम्मीद पे जीता है जमाना,
क्या करे वो जिसकी कोई उम्मीद ही न हो।
उलझनों और कश्मकश में उम्मीद की ढाल लिए बैठै हैं,
ए जिंदगी, तेरी हर चाल के लिए हम दो चाल लिए बैठे हैं।
दीवानगी हो, अक़्ल हो, उम्मीद हो कि आस,
अपना वही है, वक़्त पे जो काम आ गया।
उम्मीद न रखना किसी से सच्चे प्यार की,
बहुत प्यार से धोखा देते हैं, शिद्दत से चाहने वाले।
था यकीं मुझे भी कि भूल जाओगे तुम,
खुशी है कि तुम उम्मीद पर खरे उतरे।