Ansh Pandit Shayari in Hindi - अंश पंडित शायरी इन हिंदी
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इस दिल में प्यार थे कितना,
ये वो जान लेते तो क्या बात थी,
हमने माँगा था उन्हें खुदा से,
वो भी मांग लेते तो क्या बात होती।
तेरे चहरे सा दिलकस नजारा हो नहीं सकता,
लगता है तुम्हारे बिना गुजारा हो नहीं सकता,
तब प्यार करने में ज्यादा मजा आता है,
जब पता हो वो हमारा हो नहीं सकता।
जाने क्यू हमें आसू बहाना नहीं आता,
जाने क्यू हाले दिल बयां करने नहीं आता,
Crush हमें छोड़ के चली जाती है,
शायद हमें ही इजहार करना नहीं आता।
धीमे ही सही पर चल तो रहा हूँ ना,
इश्क की आग में जल तो रहा हूँ ना,
तेरी ख़ुशी के लिए अलविदा कह दिया मैंने,
तुझे पाने के लिए तरस तो रहा हूँ ना।
वहा का दरिया कभी रुकता नहीं है,
इश्क में आसिक कभी झुकता नहीं है,
खामोश है हम किसी की खुसी के लिए,
वरना ये ना सोचो की हमारा दिल दुखता नहीं है।
आंसू आ जाते है आंखों पर,
लेकिन चेहरे पर हंसी रखनी पड़ती है,
यह मोहब्बत भी क्या चीज़ है यारो,
जिस से करते हैं उसी से छुपानी पड़ती है।
मेरी ख़ामोशी में भी
हर लफ्ज को पहचानती है,
वो माँ ही है जो हर मंदिर में
मेरे सलामती की दुआ मांगती है।
मैंने बहुत गोरे और काले इंसान को देखा है,
बहोत अपने तो कई मेहमान को देखा है,
दौलत होते हुए भी नाकाम और कमजोर को है,
माँ बाप के रूप में मैंने भगवान को देखा है।
हर आहट तक को पहचानती है,
दिल मे क्या है माँ सब जानती है,
नाराज होती है, फिर प्यार से दुलारती है,
खाना खिलाये बिना, किसी की नही मानती है।
चाह के भी करीब नहीं जा सकता
न जाने कैसी मजबूरी है,
हाँ मोहब्बत मेरी एकतरफा है,
शायद इसीलिए अधूरी है।
वजह क्या थी तेरे रूठ जाने की,
की कसूर सिर्फ मेरा था,
अरे मैंने तो सिर्फ तेरी बात मानी थी,
बात न करने का फैसला तो सिर्फ तेरा था।
एक उम्मीद मिली थी तुम्हारे आने से
अब शायद वो भी टूट गयी,
वफ़ादारी की आदत थी हमें
अब शायद वो भी छुट गयी।
अब कोई पसंद आ भी गया
तब भी इजहार नहीं करेंगे,
पहले बहोत धोखे खा लिए
अब दोबारा प्यार नहीं करेंगे।
तुम्हे चाहते तो है पर जता नहीं पाते,
दिल में है कितना प्यार ये बता नहीं पाते,
काश मेरी नज़रों को पढ़ पाते तुम,
की तेरे बिना अब हम रह नहीं पाते।
दिल की हर एक बात ज़माने को बता देते है,
अपने हर एक राज से पर्दा उठा देते है,
चाहने वाला हमे चाहे न चाहे,
पर हम जिसे चाहते है उसपर जान लुटा देते है।
उसे हमने बहोत चाहा पर पा न सके,
उसके सिवा ख्यालों में किसी और को ला न सके,
आँखों के आँशु तक सूखा गए उन्हें देखकर,
लेकिन किसी और को देखकर हम मुस्कुरा न सके।
कहते नहीं बनता, कुछ करना पढ़ता है,
भुलाकर सारी मुश्किलों को अपने जिद पर अड़ना पड़ता है,
इतना असान नहीं है सपनों का हकीकत हो जाना,
कभी दुनियां से तो कभी खुद से लड़ना पढ़ता है।
जान कर भी औह मुझे जान ना पाए,
आज तक वो मुझे पहचान ना पाए,
इसलिए खुद ही कर ली बेवफाई मैंने,
ताकि उन पर कोई इल्जाम ना आए।
आंसू आ जाते हैं आंखों पर,
लेकिन चेहरे पर हंसी रखनी पड़ती है,
यह मोहब्बत भी क्या चीज़ है यारो,
जिस से करते हैं उसी से छुपानी पड़ती है।
तकलीफ मुझे होती है
और वो पूरी रात नहीं सोती,
कैसे बताऊ उसके बारे में
अरे यार माँ शब्दों में बयां नहीं होती।
मत रख हमसे वफा की उम्मीद ऐ सनम,
हमने हर दम बेवफाई पायी है,
मत ढूंढ हमारे जिस्म पे जख्म के निशान,
हमने हर चोट दिल पे खायी है।
किस्मत के भी खेल हजार है,
जो मिल नहीं सकता उससे ही प्यार है,
एक को कोई फर्क नहीं पड़ता,
और दूसरा जान देने के लिए तैयार है।
तरस गये आपको देखने के लिए,
दिल फिर भी आपको प्यार करता है,
हमसे अच्छा तो आपके घर का आइना है,
कम से कम आपको देख तो सकता है।
आज कल के इश्क का यही दस्तूर है,
जिसे दिल से चाहो वही खुद से दूर है,
उसे पाना नहीं किस्मत में मेरे,
और खोना दिल से ना मंजूर है।
बस भी करो और कितना रुलाओगे,
मरते है तुमपे कल सबको बताओगे,
आज तुम्हारे पास है तो दूर भागते हो,
कल जब ना रहे तो खुद से नज़ारे चुराओगे।
हम जरा ठहर से क्या गए,
लोग हमें चलना सीखा रहे है,
देखो कल की चिंगारियों को,
ये दीपक को जलना सीखा रहे है।
कुछ रहम कर है जिंदगी
थोड़ा सवर जाने दे,
तेरा अगला जख्म भी सह लेंगे,
पहले पहला वाला तो भर जाने दे।
हमने तो सोचा था
हमारा प्यार बड़ा महान है,
पर उस बेवफा ने हमें बता दिया
इस दुनिया में और भी नौजवान है।
तकदीर, वफ़ा, मोहब्बत
सबको मैंने गैर कर लिया,
चिरागों पर लिखा तेरे नाम
और आज अंधेरों से बैर कर लिया।
यु खफा रह कर हमें सज़ा ना दीजीए,
इन्कार हीं सहीं पर कुछ इकरार तो कीजीए,
और मोहब्बत ना हो तो भी सहीं,
कम से कम हमसे दोस्ती तो कीजीए।
इस दिल के बाजार में दौलत नहीं देखी जाती,
प्यार हो जाये तो सूरत नहीं देखी जाती,
लुटा दो एक ही इंसान पर सब कुछ क्योकि,
पसंद आ जाये चीज तो कीमत नहीं देखी जाती।
बिन देखे मैं तुमसे प्यार कर बैठा,
बस यही गुनाह में एक बार कर बैठा,
मिलना तो तुझसे मुकद्दर में मनजुर ना था,
यह सब जानते हुए भी मैं मोहब्बत तुमसे बेशुमार कर बैठा।
उस पुराने पीपल की छाव लेने मैं गाव जा रहा हूँ,
जल्दी बहोत है इसलिए नंगे पाँव जा रहा हूँ
और ये मोटर गाड़ी बंगला ये सब तुम रख लो
मैं माँ से मिलाने गाव जा रहा हूँ।
जहाँ पर नफरतों के खुरदरे दस्तूर होते है,
वहाँ पर प्यार के किस्से बहुत मशहूर होते है,
ये रिश्तों के उजालों में चमकते और बुझते है,
कहीं ये अश्क होते हैं कहीं सिन्दूर होते है।
वफ़ा का दरिया कभी रुकता नहीं है,
इश्क़ में आशिक़ कभी झुकता नहीं है,
खामोश है हम किसी की ख़ुशी के लिए,
न समझो कि हमारा दिल दुखता नहीं है।
नींद अपनी खोई सुलाया हमे उसने,
आँसू खुद बहाकर हसाया हमे,
कि भुलाना मत इन कीमती इंसानों को,
वो कोई और नहीं माँ बाप है मेरे।
मैं अपनी हर खुशी हर गम उसी के साथ बाँटता हूँ,
हाँ एक कमीना दोस्त है जिसे मैं अपनी जान मानता हूँ,
ना पैसों की चाहत है न मोहब्बत की गुजारिश है,
मेरे यार खुश रहे बस रब से यही गुजारिश है।
कि अगर पीठ के पीछे भौंके आपके,
तो पीछे से नहीं सामने से उसका मुंह तोड़ दो,
और अगर शेर कि तरह दहाड़ना है तो,
कुत्तों की तरह भूँकना छोड़ दो।
कि इतनी अकड़ किस बात की,
तुमने ऐसी तो कोई बात नहीं,
और हम तुम्हारे मुंह लगे, तुम्हारे,
अरे तुम्हारी इतनी औकात नहीं।
दर्द कितना है बता नहीं सकते,
जख्म कितने है दिखा नहीं सकते,
कि समझ सको हो तो समझ लो,
आँसू गिरे है कितने गिना नहीं सकते।