जाम पर जाम पीने से क्या फायदा,
रात भर पी सुबह तक उतर जाएगी,
दो बूंद मेरी दोस्ती के पीले,
जिंदगी सारी नशे में गुजर जाएगी।
दोस्ती एक वो खुबसूरत एहसास होता है,
जो अनजाने लोगो को भी पास लाता है,
जो हर पल साथ दे वही दोस्त कहलाता है,
वरना तो अपना साया भी साथ छोड़ जाता है।
करनी है खुदा से गुजारिश,
तेरी दोस्ती के सिवा कोई बंदगी न मिले,
हर जनम में मिले दोस्त तेरे जैसा,
या फिर कभी जिंदगी न मिले।
सोचा था न करेंगे किसी से दोस्ती,
न करेंगे किसी से वादा,
पर क्या करे दोस्त मिला इतना प्यारा की,
करना पड़ा दोस्ती का वादा।
दोस्ती करो हमेशा मुस्कुराके,
किसी को धोखा ना दो अपना बनाके,
कर लो याद जब तक हम जिंदा हैं,
फिर न केहना चले गए दिल में यादें बसा के।
भरी महफ़िल में दोस्ती का जिक्र हुआ,
हमने तो सिर्फ आपकी और देखा,
और लोग वाह-वाह कहने लगे।
जो तू चाहे वो तेरा हो,
रोशन रातें और खूबसूरत सवेरा हो,
जारी रहें हमारी दोस्ती का सिलसिला,
कामयाब हर मंजिल पर दोस्त मेरा हो।
लोग दौलत देखते है, हम इज्जत देखते है।
लोग मंजिल देखते है, हम सफर देखते है।
लोग दोस्ती बनाते है, और हम उसे निभाते है।
नादान से दोस्ती कीजिये,
क्योंकि मुसीबत के वक्त,
कोई भी समझदार साथ नहीं देता।
दिल से दिल कभी जुदा नहीं होते,
यूं ही हम किसी पर फ़िदा नहीं होते,
मोहब्बत से बढ़कर तो दोस्ती रिश्ता है,
क्योंकि दोस्त कभी बेवफा नहीं होते।
सच्ची है मेरी दोस्ती, आजमा के देखलो,
करके यकीं मुझ पे, मेरे पास आ के देखलो.
बदलता नहीं कभी सोना अपना रंग,
जितनी बार चाहे आग लगा कर देखलो।
सुदामा ने कृष्ण से पुछा,
“दोस्ती” का असली मतलब क्या है?,
कृष्ण ने हंसकर कहा जहाँ “मतलब” होता है,
वहाँ दोस्ती कहाँ होती है।