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Home Attitude Shayari Attitude Shayari For Boys in Hindi - एटीट्यूड शायरी फॉर बॉइज इन हिंदी

मत लो मेरे सब्र के बाँध का इम्तेहान

मत लो मेरे सब्र के बाँध का इम्तेहानमत लो मेरे सब्र के बाँध का इम्तेहान,
जब जब ये टूटा है तूफ़ान ही आया है…!

तुझे शिकायत है, कि मुझे बदल दिया है वक़्त नेतुझे शिकायत है, कि मुझे बदल दिया है वक़्त ने,
कभी खुद से भी तो सवाल कर, क्या तू वही है…!

किसी के पैरो मे गिरकर क़ामयाबी पाने से अच्छा हैकिसी के पैरो मे गिरकर क़ामयाबी पाने से अच्छा है,
अपने पैरो पर चलकर कुछ बनने की ठान लों…!

माना की औरो के मुकाबले कुछ ज्यादा पाया नहीं मैंनेमाना की औरो के मुकाबले कुछ ज्यादा पाया नहीं मैंने,
पर खुश हूँ की खुद को गिरा के कुछ उठाया नहीं मैंने…!

रहते हैं आस पास ही लेकिन साथ नहीं होतेरहते हैं आस पास ही लेकिन साथ नहीं होते,
कुछ लोग जलते हैं मुझसे बस खाक नहीं होते…!

मुक़ाम वो चाहिए कि जिस दिन हारुमुक़ाम वो चाहिए कि जिस दिन हारु,
जीतने वाले से ज़्यादा चर्चे मेरी हार के हों…!

वैसे दुश्मनी तो हम कुत्ते से भी नहीं करते हैवैसे दुश्मनी तो हम कुत्ते से भी नहीं करते है,
पर बीच में आ जाये तो शेर को भी नहीं छोड़ते…!

इतना अमीर नहीं हूँ कि सब कुछ खरीद लूँइतना अमीर नहीं हूँ कि सब कुछ खरीद लूँ,
लेकिन इतना गरीब भी नहीं हूँ कि खुद बिक जाऊं…!

जब महसूस हो सारा शहर तुमसे जलने लगाजब महसूस हो सारा शहर तुमसे जलने लगा,
समझ लेना तुम्हारा नाम चलने लगा…!

जिनमें अकेले चलने का हौसला होता हैजिनमें अकेले चलने का हौसला होता है,
उनके पीछे एक दिन क़ाफ़िला होता है…!

तमन्ना तेरे जिस्म की होती तो छीन लेते दुनिया सेतमन्ना तेरे जिस्म की होती तो छीन लेते दुनिया से,
मोहब्बत तेरी रूह से की इसलिए मांगते हैं खुदा से…!

हम न बदलेंगे वक़्त की रफ़्तार के साथहम न बदलेंगे वक़्त की रफ़्तार के साथ,
जब भी मिलेंगे अंदाज़ पुराना ही होगा…!

हमारे जीने का तरीका थोड़ा अलग हैहमारे जीने का तरीका थोड़ा अलग है,
हम उम्मीदों पर नहीं अपनी जिद पर जीते है…!

मत लो मेरे सब्र के बाँध का इम्तेहानमत लो मेरे सब्र के बाँध का इम्तेहान,
जब जब ये टूटा है तूफ़ान ही आया है…!

डूब जाए आसानी से मैं वो कश्ती नहींडूब जाए आसानी से मैं वो कश्ती नहीं,
मिटा सको तुम मुझे ये बात तुम्हारे बस की नहीं…!

अक्सर जल जाते हैं मेरे अंदाज़ से मेरे दुश्मनअक्सर जल जाते हैं मेरे अंदाज़ से मेरे दुश्मन,
क्योंकि एक मुद्दत से मैंने न दोस्त बदले न मोहब्बत…!

नया नया है तू बेटे, मैंने खेल पुराने खेले हैनया नया है तू बेटे,
मैंने खेल पुराने खेले है,
जिन लोगों के दम पर उछलता है तू,
मेरे पुराने वो चेले है…!

जितना बदल सकते थे, ख़ुद को बदल लियाजितना बदल सकते थे, ख़ुद को बदल लिया,
अब जिसको शिकायत है वो अपना रास्ता बदले…!

रेगिस्तान भी हरे हो जाते हैरेगिस्तान भी हरे हो जाते है,
जब अपने साथ अपने भाई खड़े हो जाते है…!

तुम जलते रहोगे आग की तरहतुम जलते रहोगे आग की तरह,
और हम खिलते रहेंगे गुलाब की तरह…!

लोग  वाकिफ है मेरी  आदतो सेलोग वाकिफ है मेरी आदतो से,
रूतबा कम ही सही पर लाजवाब रखता हूँ…!


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